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Up Kiran, Digital Desk: भारत और मालदीव ने मछली पालन (fisheries) और जलीय कृषि (aquaculture) के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने का फैसला किया है। यह कदम दोनों देशों के बीच संबंधों को गहरा करने और आपसी आर्थिक लाभ को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

इस सहयोग से न केवल दोनों देशों में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि समुद्री संसाधनों का टिकाऊ (sustainable) तरीके से उपयोग भी हो पाएगा। यह पहल समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र (marine ecosystem) के संरक्षण और नीली अर्थव्यवस्था (blue economy) के विकास पर भी केंद्रित होगी, जिससे क्षेत्र के तटीय समुदायों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा।

दोनों देशों का लक्ष्य अपने समुद्री क्षेत्रों की विशाल क्षमता का लाभ उठाना और इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं (best practices), प्रौद्योगिकी (technology) और विशेषज्ञता (expertise) को साझा करना है। इस साझेदारी से मत्स्य पालन क्षेत्र में नवाचार (innovation) और दक्षता को बढ़ावा मिलेगा, जिससे अंततः स्थानीय मछुआरों और संबंधित उद्योगों को फायदा होगा।

यह सहयोग समुद्री सुरक्षा और क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने में भी सहायक होगा, क्योंकि दोनों देश हिंद महासागर क्षेत्र के महत्वपूर्ण हिस्सेदार हैं। भारत और मालदीव के बीच यह पहल उनके गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाती है, जो अब आर्थिक और विकासात्मक साझेदारी के माध्यम से और मजबूत हो रहे हैं।

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