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ना कि समंदर बल्कि हवाई जंग के लिए भी हिंदुस्तान अपने जांबाजों को अपग्रेड कर रहा है। जिस फाइटर एयरक्राफ्ट एलसीए तेजस को भारत ने बनाया है, अब उसे और घातक बनाने की तैयारी है।

तेजस एक ऐसा हवाई योद्धा जो आसमान में मोर्चा संभाल कर दुश्मन की कब्र खोदने का दमखम रखता है। यह हिंदुस्तान की वायु सेना का ऐसा रणवीर है, जिसे भारत ने खुद तैयार किया है। लेकिन अब भारत इस फाइटर प्लेन को और भी ज्यादा घातक बनाने के मिशन पर काम कर रहा है।

अब तेजस एमकेयू के प्रोटोटाइप को बनाने की मंजूरी मिल गई है और तेजस मार्क टू के प्रोटोटाइप का विकास एक साल में हो जाएगा। इसके बाद स्वदेशी मल्टीरोल सुपरसोनिक फाइटर जेट की पहली उड़ान दिसंबर 2024 में होगी जबकि साल 2027 से इसका उत्पादन शुरू हो जाएगा।

फाइटर एयरक्राफ्ट तेजस मार्क टू मार्क वन के मुकाबले कई मायने में बहुत अच्छा है। खास तौर पर जो इसका थ्रस्ट है वह मार्क वन के मुकाबले करीब 20 परसेंट ज्यादा है। सभी जरूरी ट्रायल पूरे होने के बाद इसे भारतीय वायुसेना में शामिल कर लिया जाएगा।

डीआरडीओ फिलहाल तेजस मार्क टू में जी फोर फोर इंजन लगाएगा। यह जी फोर जीरो फोर एस का एडवांस वर्जन होगा जिससे इसकी स्पीड एलसीए तेजस के मुकाबले काफी ज्यादा बढ़ जाएगी। तेजस मार्क टू की सबसे बड़ी ताकत होगी इसकी गति। यह दो हज़ार 385 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड से उड़ान भरेगा। यानी दुनिया के कई घातक फाइटर जेट्स की गति को टक्कर देने का दमखम रखेगा। 

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