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Up Kiran, Digital Desk: भारत का केंद्रीय बैंक यानी भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) सिर्फ मौद्रिक नीति का प्रहरी नहीं बल्कि एक ऐसी 'सोने की खान' का भी संरक्षक है जो देश की अर्थव्यवस्था की नींव को तो मज़बूत बनाती ही है मगर ज़रूरत पड़ने पर ये भंडार भारत की सामरिक शक्ति में तब्दील हो सकता है। ये चुपचाप चमकता हुआ भंडार आज इतना प्रचंड और मूल्यवान हो चुका है कि अकेले इसकी शक्ति दुश्मनों के मंसूबों को झुका देने के लिए काफी है।

57% की तेज़ छलांग और पाकिस्तान से दोगुना मूल्य

इस साल RBI के पास मौजूद गोल्ड रिज़र्व की कीमत में 57% की जबरदस्त वृद्धि हुई है। इसकी कुल वैल्यू अब 4.31 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच चुकी है जो पाकिस्तान की पूरी सेना के सालाना बजट से लगभग दोगुनी है। ये केवल आंकड़ों की बात नहीं बल्कि उस आत्मबल का प्रतीक है जो भारत ने वर्षों की आर्थिक रणनीतियों, स्थिरता और दूरदर्शिता से अर्जित किया है।

ये ‘खजाना’ क्या है

जिस ‘सोने की खान’ की बात हो रही है, वह असल में भारतीय रिजर्व बैंक का गोल्ड रिज़र्व है एक ऐसी शांति में डूबी हुई संपत्ति, जो तूफान आने पर भी भारत को डगमगाने नहीं देती। हाल में RBI द्वारा जारी एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि 31 मार्च 2025 तक उसके पास कुल 879.58 टन सोना है। यह बीते साल की तुलना में 57.58 टन अधिक है, यानी RBI हर साल इस ‘धातु की ताकत’ को लगातार बढ़ा रहा है।

सोने की चमक में छिपी रणनीतिक बुद्धिमत्ता

इस अभूतपूर्व वृद्धि के पीछे तीन मुख्य कारण हैं – अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में सोने की बढ़ती कीमतें, रुपये में आई गिरावट और RBI द्वारा हाल में की गई सोने की बड़ी खरीदारी। यह सिर्फ एक निवेश नहीं बल्कि एक रणनीतिक कवच है – एक ऐसा कवच जो आर्थिक युद्ध के साथ-साथ ज़रूरत पड़ने पर सैन्य मोर्चे पर भी काम आ सकता है।

कहाँ रखा गया है यह सोना

RBI ने इस गोल्ड रिज़र्व को दो विभागों में विभाजित किया है – नोट और बांड जारी करने वाले विभाग में 311.38 टन सोना सुरक्षित रखा गया है, जिसे एक 'आर्थिक आधारशिला' कहा जा सकता है। वही 568.20 टन सोना बैंकिंग विभाग की संपत्ति के रूप में गिना गया है यानी भारत के मौद्रिक और वित्तीय तंत्र की असली धमनियों में यही स्वर्ण रक्त की तरह प्रवाहित हो रहा है।

पाकिस्तानी सेना की तुलना में दो गुना भारी

पाकिस्तान की सेना का हालिया घोषित सालाना बजट करीब 2.3 लाख करोड़ रुपये है यानी भारत के पास मौजूद सिर्फ गोल्ड रिज़र्व से उसे दो बार खरीदा जा सकता है। कल्पना कीजिए जिस देश ने कभी भारत को चुनौती देने की कोशिश की, आज उसकी पूरी सैन्य क्षमता भारत के एक केंद्रीय बैंक की तिजोरी के सामने बौनी साबित होती है।

 

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