
Up Kiran, Digital Desk: हर साल 8 अगस्त को भारत 'भारत छोड़ो आंदोलन दिवस' (Quit India Movement Day) मनाता है, जो हमारे देश के स्वतंत्रता संग्राम (Freedom Struggle) में एक मील का पत्थर है। वर्ष 2025 में भी हम इस ऐतिहासिक दिवस को पूरे उत्साह और सम्मान के साथ याद करेंगे। यह वह दिन था जब 1942 में महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) ने ब्रिटिश शासन (British Rule) से 'तत्काल भारत छोड़ने' (Immediate British Withdrawal from India) का आह्वान किया था, जिसके बाद देश भर में 'अगस्त क्रांति' (August Kranti) की शुरुआत हुई थी।
क्यों शुरू हुआ भारत छोड़ो आंदोलन:दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सरकार भारतीयों को बिना उनकी सहमति के युद्ध में शामिल कर रही थी, और भारतीयों पर आर्थिक व राजनीतिक दबाव बढ़ता जा रहा था। इस पृष्ठभूमि में, गांधीजी और कांग्रेस पार्टी ने महसूस किया कि अब समय आ गया है जब भारत को पूर्ण स्वतंत्रता के लिए निर्णायक लड़ाई लड़नी चाहिए। गांधीजी ने मुंबई के गोवालिया टैंक मैदान (जिसे अब अगस्त क्रांति मैदान के नाम से जाना जाता है) से ऐतिहासिक 'करो या मरो' (Do or Die) का नारा दिया था, जिसका अर्थ था या तो ब्रिटिश शासन को समाप्त करने के लिए पूरी शक्ति से लड़ो या इस प्रयास में वीरगति प्राप्त करो।
यह आंदोलन भारत में अंग्रेजों के खिलाफ अंतिम बड़े पैमाने का सामूहिक सविनय अवज्ञा आंदोलन (Mass Civil Disobedience Movement) था। गांधीजी के नेतृत्व में यह आंदोलन बहुत व्यापक हो गया, और इसने पूरे देश को एकजुट किया।
भाषण, नारे, पोस्टर और चित्र: आंदोलन की आत्मा
'भारत छोड़ो आंदोलन' को याद करने और इसकी भावना को जीवित रखने के लिए विभिन्न प्रकार के आयोजनों की योजना बनाई जाती है, जिसमें भाषण (Speech), नारे (Slogans), पोस्टर (Posters) और चित्र (Drawings) अहम भूमिका निभाते हैं:
आंदोलन का प्रभाव और विरासत:भारत छोड़ो आंदोलन' को तुरंत सफलता नहीं मिली थी, और ब्रिटिश सरकार ने नेताओं को गिरफ्तार करके इसे दबाने की कोशिश की थी, लेकिन इसने ब्रिटिश साम्राज्य की जड़ों को हिला दिया था। इस आंदोलन ने ब्रिटिशों को यह स्पष्ट संदेश दिया कि भारत पर शासन करना अब उनके लिए संभव नहीं होगा। इसने भारतीय लोगों के मन में स्वतंत्रता की भावना को और मजबूत किया और उन्हें अपनी एकजुटता का अहसास कराया। आखिरकार, इसके कुछ साल बाद, 1947 में भारत को आजादी मिल गई। 'भारत छोड़ो आंदोलन दिवस' हमें उन अनगिनत बलिदानों को याद दिलाता है जो हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने हमें यह स्वतंत्रता दिलाने के लिए दिए थे, और यह हमें राष्ट्र के विकास और एकता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है।
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