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Up Kiran, Digital Desk: भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने आज एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि भारत पाकिस्तानी ड्रोन को सफलतापूर्वक निष्क्रिय करने में कामयाब रहा है। उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र करते हुए बताया कि इन ड्रोन को 'काइनेटिक' (Kinetic) और 'नॉन-काइनेटिक' (Non-kinetic) दोनों तरह की रणनीतियों का इस्तेमाल करके मार गिराया गया है। यह बयान जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में वायुसेना के जवानों पर हुए हालिया आतंकी हमले के बाद आया है, जहां पाकिस्तान समर्थित तत्वों ने हमला किया था।

CDS चौहान ने स्पष्ट किया कि 'काइनेटिक' रणनीति का अर्थ ड्रोन को सीधे तौर पर भौतिक रूप से नष्ट करना है, जैसे गोलीबारी या मिसाइलों का उपयोग करके उन्हें गिराना। वहीं, 'नॉन-काइनेटिक' रणनीति में ड्रोन को जाम करना, साइबर हमला करना या अन्य इलेक्ट्रॉनिक तरीकों से उन्हें निष्क्रिय करना शामिल है, ताकि वे अपना लक्ष्य पूरा न कर सकें। 

उन्होंने जोर देकर कहा कि इन दोनों ही तरीकों से भारत को सीमा पार से आने वाले ड्रोन खतरों से निपटने में उल्लेखनीय सफलता मिली है।

जनरल चौहान ने विशेष रूप से 'ऑपरेशन सिंदूर' का उल्लेख किया, जो जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी ड्रोन घुसपैठ को रोकने के लिए भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा चलाया जा रहा एक महत्वपूर्ण अभियान है। यह ऑपरेशन सीमा पार से होने वाली हथियारों और ड्रग्स की तस्करी को रोकने में बेहद प्रभावी साबित हुआ है, जो अक्सर इन ड्रोन के माध्यम से होती है।

CDS का यह बयान ऐसे समय में आया है जब सीमा पार से ड्रोन के जरिए हथियारों, नशीले पदार्थों और यहां तक कि विस्फोटक सामग्री की तस्करी की कोशिशें लगातार बढ़ रही हैं। यह दिखाता है कि भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियां इन उभरते खतरों से निपटने के लिए कितनी तैयार और सक्षम हैं। यह जानकारी भारत की सुरक्षा क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि को रेखांकित करती है, जिससे देश की सीमाएं और भी सुरक्षित हो रही हैं।

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