
Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक बड़े बयान में स्पष्ट किया कि किसानों की भलाई उनकी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है और इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने भारत पर भारी शुल्क लगाने का ऐलान किया है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में तनाव बढ़ सकता है।
दिल्ली में आयोजित "एम.एस. स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन" के मंच से बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे किसानों, मछुआरों और दुग्ध उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए किसी भी कीमत पर खड़े रहेंगे।
उन्होंने कहा, "मेरे लिए देश के अन्नदाता सर्वोपरि हैं। उनकी समस्याओं को नजरअंदाज करना मेरे सिद्धांतों के खिलाफ है। मुझे मालूम है कि अपने फैसलों के कारण किसी कीमत का भुगतान करना पड़ सकता है, पर मैं इसके लिए तैयार हूं।"
भारत पर अमेरिका का नया शुल्क
प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर रूस से कच्चा तेल और हथियार खरीदने को लेकर नाराज़गी जताई है। ट्रंप ने आरोप लगाया है कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर उसे खुले बाज़ार में ऊंचे दामों पर बेच रहा है, जिससे यूक्रेन संघर्ष को अप्रत्यक्ष रूप से सहायता मिल रही है।
बुधवार को अमेरिका ने भारत से आयातित कई उत्पादों पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाने का निर्णय लिया। इस फैसले के बाद अब भारतीय वस्तुओं पर कुल मिलाकर करीब 50 प्रतिशत शुल्क लागू हो गया है, हालांकि कुछ उत्पादों को इससे बाहर रखा गया है।
सरकार की रणनीति पर निगाहें
अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस तरह के दबावों के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान संकेत देता है कि भारत फिलहाल अपने आर्थिक और रणनीतिक निर्णयों में स्वतंत्रता बनाए रखने के पक्ष में है। किसानों के हक में दिए गए उनके बोल इस बात को भी दर्शाते हैं कि देश की आंतरिक नीतियों पर विदेशी दबाव का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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