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Up kiran,Digital Desk : भारत की रक्षा तैयारियों को लेकर एक बड़ी और अहम खबर सामने आई है। दुश्मन देशों के छक्के छुड़ाने वाले एस-400 (S-400) एयर डिफेंस सिस्टम को अब और भी ज्यादा घातक बनाने की तैयारी चल रही है। रिपोर्ट्स की मानें तो भारत अपने 'सुदर्शन चक्र' यानी एस-400 सिस्टम के लिए रूस से 300 नई मिसाइलें खरीदने जा रहा है।

यह फैसला इसलिए भी अहम है क्योंकि आगामी 5 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है। माना जा रहा है कि इस मुलाकात में रक्षा सौदों पर बड़ी बात होगी।

'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद स्टॉक भरना जरूरी

हाल ही में हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' में एस-400 सिस्टम का बखूबी इस्तेमाल किया गया था। अब भारतीय वायु सेना चाहती है कि अपने जखीरे को फिर से पूरा कर लिया जाए। इसके लिए भारत रूस को 'रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल' (RFP) भेजने वाला है। सिर्फ 300 मिसाइलें ही नहीं, बल्कि भारत 5 और नए एस-400 स्क्वाड्रन की भी मांग कर सकता है ताकि देश का हर कोना सुरक्षित रहे।

सुखोई-57 फाइटर जेट पर भी नजर

बात सिर्फ मिसाइलों तक सीमित नहीं है। भारत को एक ऐसे फाइटर जेट की भी तलाश है जो अमेरिका के एफ-35 (F-35) को टक्कर दे सके। चूंकि भारत का अपना स्वदेशी स्टील्थ फाइटर 'AMCA' (एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) 2035 तक तैयार होगा, तब तक बीच के समय के लिए वायुसेना रूस के सुखोई-57 (Su-57) की 2 से 3 स्क्वाड्रन खरीदने पर विचार कर रही है। हालांकि, अभी इस पर आखिरी फैसला नहीं हुआ है।

इसके अलावा, आज के दौर में ड्रोन हमलों का खतरा बहुत बढ़ गया है। इसे देखते हुए भारतीय सेना रूस के 'पैंटसिर' (Pantsir) मिसाइल सिस्टम को भी परख रही है, जो छोटे और घातक ड्रोन को मार गिराने में माहिर है।

क्यों कहा जाता है इसे 'सुदर्शन चक्र'?

एस-400 सिस्टम को भारतीय वायुसेना ने प्यार और सम्मान से 'सुदर्शन चक्र' नाम दिया है। जैसे महाभारत में भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र अचूक था और दुश्मन का खात्मा करके ही लौटता था, वैसे ही एस-400 सिस्टम भी अचूक है। यह 600 किलोमीटर दूर से ही दुश्मन के विमान, मिसाइल या ड्रोन को देख लेता है और 400 किलोमीटर के दायरे में उसे हवा में ही नष्ट कर देता है।