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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने 2 नवंबर को नवी मुंबई में आयोजित महिला क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर इतिहास रच दिया। इस जीत के साथ ही भारत ने अपना पहला महिला क्रिकेट विश्व कप जीता, जो भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक पल है।

विश्व कप विजेता टीम को मिले पुरस्कार, लेकिन क्या सब कुछ सही है?

विश्व कप जीतने के बाद, भारतीय महिला क्रिकेट टीम के कई सितारों को पुरस्कारों से नवाजा गया। खासकर उन खिलाड़ियों को जिन्होंने टूर्नामेंट में अहम योगदान दिया। हालांकि, इसी बीच भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर ने महिला क्रिकेटरों को एक चेतावनी दी है।

सुनील गावस्कर ने क्या कहा?

गावस्कर ने मिड-डे के लिए अपने कॉलम में लिखा, "महिला क्रिकेटरों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है। अगर आपको किसी ब्रांड द्वारा किए गए वादों का कोई लाभ नहीं मिलता, तो कृपया निराश न हों।" उन्होंने आगे कहा कि भारत में कई ब्रांड्स और विज्ञापनदाताओं के पास ऐसे मौके होते हैं, जहां वे विजेताओं के कंधों पर मुफ्त प्रचार करने की कोशिश करते हैं, लेकिन असल में खिलाड़ियों को कुछ नहीं मिलता।

गावस्कर ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा, "1983 की टीम के साथ भी ऐसा ही हुआ था। हमें कई वादे किए गए थे, लेकिन वह सब अधूरे रह गए। तब मीडिया ने बहुत कवरेज की थी, लेकिन वे भी इसके लिए जिम्मेदार नहीं थे।" उन्होंने खिलाड़ियों से अपील करते हुए कहा, "अगर कोई ब्रांड आपकी जीत का इस्तेमाल खुद को प्रमोट करने के लिए कर रहा है, तो परेशान मत होइए।"

सुनील गावस्कर का निजी अनुभव

गावस्कर ने अपने निजी अनुभवों के बारे में बताते हुए कहा, "1983 की जीत को लेकर भी बहुत से वादे किए गए थे। लेकिन मीडिया और ब्रांड्स के बड़े-बड़े ऐलान के बावजूद उन वादों का पालन नहीं किया गया।"

क्या महिला क्रिकेटरों को मिल रहे हैं सम्मान के साथ पुरस्कार?

गावस्कर के शब्दों से साफ है कि पुरस्कारों और सम्मान की बात अलग है, और ब्रांड्स द्वारा किए गए वादों में अंतर है। भारतीय क्रिकेट की असली हीरो उन खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत और समर्पण से हैं, जिन्हें सही तरीके से सराहा जाना चाहिए।