
Up Kiran, Digital Desk: आज भारतीय शेयर बाज़ार की शुरुआत सपाट नोट पर हुई। प्रमुख सूचकांक, सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty), सुबह के कारोबार में मामूली उतार-चढ़ाव या लगभग बिना किसी बदलाव के खुले। यह स्थिति ऐसे समय में देखने को मिल रही है जब बाज़ार में संस्थागत निवेशकों (Institutional Investors) का निवेश प्रवाह (investment flow) स्थिर बना हुआ है।
बाज़ार की यह सपाट शुरुआत विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) दोनों की ओर से किसी बड़े खरीद या बिक्री दबाव की अनुपस्थिति को दर्शाती है। जब इन बड़े निवेशकों का रुख स्पष्ट नहीं होता या वे संतुलित तरीके से निवेश कर रहे होते हैं, तो बाज़ार में एक दिशाहीन या स्थिर स्थिति बन जाती है।
स्थिर संस्थागत निवेश आमतौर पर बाज़ार में एक संतुलन बनाने में मदद करते हैं। जहां FIIs का रुझान अक्सर वैश्विक संकेतों और भावनाओं से प्रभावित होता है, वहीं DIIs घरेलू आर्थिक कारकों और स्थानीय तरलता (liquidity) पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं। जब ये दोनों वर्ग एक-दूसरे के निवेश को संतुलित करते हैं, तो बाज़ार में बड़ी हलचल कम हो जाती है और सूचकांक एक सीमित दायरे में घूमते रहते हैं, जैसा कि आज शुरुआती घंटों में देखा गया।
बाज़ार के आगे के रुख के लिए निवेशकों की नज़र अब वैश्विक बाज़ारों के संकेतों, किसी महत्वपूर्ण आर्थिक डेटा की घोषणा और कंपनियों के तिमाही नतीजों पर रहेगी। हालांकि, आज की शुरुआत ने संकेत दिया है कि बड़े निवेशकों की ओर से फिलहाल कोई आक्रामक चाल नहीं चली जा रही है, जिससे बाज़ार में स्थिरता बनी हुई है।
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