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भारत कच्चे तेल के प्रमुख आयातकों में से एक है। भारत अपनी जरूरत का 80 % आयात करता है और अपना अधिकतर तेल अपने पुराने मित्र रूस से खरीदता है। पेट्रोल और डीजल की अधिकतर मांग विदेशों से आयात होने वाले कच्चे तेल से पूरी होती है। वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने 119 अरब डॉलर मूल्य का कच्चा तेल आयात किया।

तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में पिछले वित्त वर्ष की तुलना में कच्चे तेल पर लगभग दोगुना खर्च किया। तेल का प्रमुख आयातक होने के अलावा, भारत के पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में भी वृद्धि हुई है।

क्या है भारत का सुपर आइडिया

देश की मजबूत शोधन क्षमता के कारण भारत का पेट्रोलियम निर्यात, देश का प्रमुख आयातक भी बढ़ा है। पेट्रोल, डीजल, एलपीजी जैसे कच्चे तेल को रिफाइन करके बनाए गए उत्पादों का निर्यात करता है। भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 42.3 अरब डॉलर मूल्य का पेट्रोलियम निर्यात किया है। 

इस अवधि के दौरान भारत का पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात 61.8 मिलियन टन था। रूस द्वारा यूक्रेन के विरूद्ध युद्ध शुरू करने के बाद से ही यूरोपीय देशों ने रूस पर बैन लगा दिए हैं। इस बीच भारत रूस से सस्ता तेल खरीदना जारी रखे हुए है।

हिंदुस्तान तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है और कच्चे तेल का आयात कर उसे रिफाइन करने के बाद वह नीदरलैंड, ब्राजील, कांगो, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, फ्रांस, अमेरिका, चीन समेत कई मुल्कों में पेट्रोलियम उत्पादों का आयात करता है। भारत के कुल निर्यात में पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात का हिस्सा भी बढ़ रहा है। इस साल अप्रैल-अगस्त के दौरान भारत के कुल निर्यात में पेट्रोलियम उत्पादों की हिस्सेदारी बढ़कर 21.2 फीसदी हो गई, जो इसका उच्चतम स्तर है।

 

 

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