
Up Kiran , Digital Desk:हाल ही में भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पहलगाम आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब देते हुए पाकिस्तान स्थित 9 आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया। इस शौर्यपूर्ण कार्रवाई पर पूरे भारत को अपनी सेना पर गर्व है। "सिंदूर" शब्द का हमारे देश में एक और महत्वपूर्ण स्थान है – यह भारतीय संस्कृति में विवाहित महिलाओं के सुहाग की निशानी माना जाता है। अधिकांश विवाहित महिलाएं इसे अपनी मांग में धारण करती हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह पवित्र सिंदूर आखिर बनता कैसे है? आइए, आज हम आपको इसी रोचक तथ्य से परिचित कराते हैं।
किस फल के बीज से तैयार होता है सिंदूर?
यह जानकर आपको शायद आश्चर्य हो कि सिंदूर वास्तव में एक पेड़ से प्राप्त होता है। इस पेड़ को आमतौर पर 'कुमकुम ट्री' (Kumkum Tree) या 'कमील ट्री' (Kamila Tree) के नाम से जाना जाता है। प्राकृतिक और शुद्ध सिंदूर बनाने के लिए इसी पौधे का उपयोग किया जाता है। इस पौधे पर लगने वाले फल के अंदर मौजूद बीजों को पीसकर ही असली, पारंपरिक सिंदूर तैयार किया जाता है।
भारत में कहाँ होती है कुमकुम ट्री की खेती?
भारत में मुख्य रूप से दो राज्यों में सिंदूर का पेड़ यानी कुमकुम ट्री आसानी से मिल जाता है। महाराष्ट्र में इस पौधे की व्यावसायिक खेती की जाती है। इसके अतिरिक्त, हिमाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में भी किसान इस पौधे की खेती करते हैं। इन राज्यों में भारतीय संस्कृति में इतना महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले सिंदूर के पौधे को देखा जा सकता है। दिलचस्प बात यह है कि इस फल के बीजों का उपयोग हर्बल लिपस्टिक बनाने में भी किया जाता है।
कुछ और रोचक तथ्य कुमकुम ट्री के बारे में
यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि भारत के अलावा दुनिया के कुछ अन्य हिस्सों में भी कुमकुम ट्री की खेती होती है, विशेषकर दक्षिण अमेरिका में यह पौधा पाया जाता है। कुमकुम ट्री की ऊंचाई आमतौर पर 20 से 25 फीट तक हो सकती है। इस पेड़ पर लगने वाले फल जब कच्चे होते हैं तो हरे रंग के दिखाई देते हैं, लेकिन पकने के साथ-साथ धीरे-धीरे इनका रंग लाल हो जाता है, जो सिंदूर के रंग का प्रतीक है।
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