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Up Kiran, Digital Desk: शतरंज की दुनिया के दिग्गज ग्रैंडमास्टर हिकारू नाकामुरा ने टेक्सास में हुए 'चेकमेट: यूएसए बनाम इंडिया' इवेंट में भारतीय ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश को हराने के बाद एक ऐसा काम किया, जिसने शतरंज की दुनिया में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। मैच जीतने के बाद नाकामुरा ने गुकेश के 'राजा' (King) को उठाकर दर्शकों की भीड़ में फेंक दिया, जिसका वीडियो वायरल होते ही उनकी जमकर आलोचना होने लगी।

कई प्रशंसकों और विशेषज्ञों ने नाकामुरा के इस कृत्य को "अशोभनीय" और "अशिष्ट" करार दिया। लोगों का कहना था कि शतरंज जैसे गंभीर खेल में इस तरह के दिखावे और नाटकबाजी की कोई जगह नहीं है।

क्या यह सच में अपमान था या कुछ और?

जब यह वीडियो वायरल हुआ तो पहली नजर में यह हिकारू नाकामुरा द्वारा किया गया एक अपमानजनक और अहंकार भरा कदम लगा। लेकिन, बाद में आई रिपोर्टों ने इस घटना के पीछे की एक अलग ही कहानी बयां की।

रिपोर्ट्स के अनुसार, यह पूरा वाकया पहले से ही तय था और इवेंट के आयोजकों द्वारा इसकी योजना बनाई गई थी।

शतरंज विशेषज्ञ लेवी रोज़मैन ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में इस मामले का खुलासा करते हुए कहा, "बिना पूरे संदर्भ के, यह एक बिना वजह की गई हरकत लगेगी। हालांकि, हमें आयोजकों द्वारा ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया था।... गुकेश और हिकारू के मैच के विजेता को 'राजा' को प्रशंसकों की ओर उछालना था।"

उन्होंने आगे कहा, "मुझे यकीन नहीं है कि अगर गुकेश जीतते तो वे ऐसा करते। हिकारू ने बाद में गुकेश से बात की और समझाया कि यह सब सिर्फ शो के लिए था और इसका मकसद किसी भी तरह का अनादर करना नहीं था।"

नाकामुरा ने भी दी सफाई: खुद हिकारू नाकामुरा ने भी इस इवेंट और गुकेश पर अपनी जीत के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि यह इवेंट उनकी उम्मीदों से कहीं बेहतर था और इसे उन्होंने अपने करियर के सबसे बेहतरीन अनुभवों में से एक बताया।

नाकामुरा ने कहा, "यह मेरे सबसे अच्छे व्यक्तिगत अनुभवों में से एक था... हम अपनी जीत का जश्न अकेले मनाने के इतने आदी हो चुके हैं... शतरंज इतना अकेला काम हो सकता है; आपको अपने काम के लिए कोई मान्यता महसूस नहीं होती। हार के बावजूद भारतीय खिलाड़ियों ने भी बहुत अच्छा समय बिताया। इसलिए, यह इवेंट मेरी उम्मीदों से कहीं बढ़कर था।"

इस घटना से यह साफ है कि जो कुछ भी हुआ, वह खेल में थोड़ा मनोरंजन और रोमांच जोड़ने की एक सोची-समझी योजना का हिस्सा था, न कि किसी खिलाड़ी का अपमान करने का इरादा। हालांकि, बिना संदर्भ के इस वीडियो ने शतरंज जगत में एक बड़ी बहस जरूर छेड़ दी है।