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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय विमानन उद्योग पिछले दो सालों से नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है, लेकिन गुरुवार को एयर इंडिया विमान दुर्घटना के बाद इस उद्योग पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। क्षेत्र के विशेषज्ञों ने राय जाहिर की है कि इस दुर्घटना से कुछ समय के लिए हवाई यात्रा के प्रति लोगों का नजरिया बदल जाएगा और यात्रियों की संख्या में कमी से उद्योग पर असर पड़ेगा।
विश्व में तीसरी सबसे बड़ी एयरलाइन के रूप में जानी जाने वाली भारतीय विमानन इंडस्ट्री का वर्तमान मूल्य 16 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। इसमें तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। पिछले दस वर्षों में देश में हवाई अड्डों की संख्या में वृद्धि हुई है, यह संख्या अब 487 तक पहुंच गई है, वही आज देश में कुल 800 विमान हैं।
हवाई अड्डों की संख्या में वृद्धि और कई स्थानों की कनेक्टिविटी में वृद्धि के कारण पिछले दो वर्षों में दस करोड़ लोगों ने हवाई यात्रा की है। अधिक यात्रियों को आकर्षित करने के लिए, समय-समय पर एयरलाइनों द्वारा आकर्षक योजनाएं पेश की जा रही हैं। नतीजतन, हर महीने हवाई यात्रियों की संख्या में वृद्धि हो रही है। हालांकि, गुरुवार की दुर्घटना के बाद, कई लोग हवाई यात्रा से डर सकते हैं। नतीजतन, इसका असर विमानन उद्योग पर पड़ सकता है। हालांकि, भारतीय विमानन उद्योग दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वाणिज्यिक उद्योगों में से एक है, इसलिए लोगों को इस दुर्घटना से डरने की जरूरत नहीं है, ऐसा विमानन व्यवसायी मंदार भारदे ने कहा।
बीमा उद्योग को 11 अरब रुपये का झटका
विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि दुर्घटना में शामिल विमान का बीमा करने वाली कंपनी गुरुवार को 11 अरब रुपये तक का रिफंड देना होगा। इसमें से 8 अरब रुपये वास्तविक विमान के मुआवजे के तौर पर होंगे, वही बाकी 3 अरब रुपये कई अन्य कारणों से चुकाने होंगे। इस बीमा राशि में विमान को हुए नुकसान, यात्रियों को मुआवजा, थर्ड पार्टी को हुए नुकसान आदि शामिल हैं। इसके अलावा अगर यात्रियों ने पर्सनल एयर ट्रैवल इंश्योरेंस ले रखा है या कोई पर्सनल इंश्योरेंस है तो उन्हें भी संबंधित कंपनियों को पैसे चुकाने होंगे।
लोगों को किस बात का डर
हवाई यात्रा के दौरान टर्बुलेंस (खराब मौसम) होता है। उस समय हवा में विमान जोर से हिलता है, जिसे लेकर भी कई लोगों को डर रहता है। अगर उड़ान भरने के बाद विमान लैंड करता है तो उसके पहिए बाहर नहीं निकलेंगे तो क्या होगा? लोगों को अभी भी हार्ड लैंडिंग या लैंडिंग के दौरान विमान के पहिए जमीन से टकराने का डर रहता है। अगर उड़ान भरते समय विमान का पिछला हिस्सा जमीन से टकरा जाए तो क्या होगा?
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