img

Up Kiran, Digital Desk: हाल ही में ईरान और इराक ने एक बड़ा रक्षा समझौता किया है जिसने अमेरिका को परेशान कर दिया है। दोनों देशों के बीच यह समझौता 11 अगस्त को हुआ जिसका मकसद 1400 किलोमीटर लंबी साझा सीमा पर सुरक्षा को मजबूत करना है। इराक की राजधानी बगदाद में हुए इस समझौते में इराक के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कासिम अल-अराजी और ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के महासचिव अली लारीजानी मौजूद थे। इस दौरान इराक के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी भी शामिल रहे।

समझौते की वजह क्या है

यह नया समझौता मार्च 2023 के एक पुराने करार पर आधारित है। उस वक्त ईरान और इराकी कुर्दिस्तान ने सीमा पर नियंत्रण बढ़ाने पर सहमति जताई थी। सितंबर 2022 में महसा अमीनी की हिरासत में मौत के बाद ईरान में बड़े विरोध प्रदर्शन हुए थे जिससे तनाव काफी बढ़ गया था।

ईरान को डर है कि अमेरिका या इजरायल के साथ तनाव बढ़ने पर कुर्द लड़ाके सीमा पार करके ईरान में घुसपैठ कर सकते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक इराकी कुर्द प्रशासन ने ईरानी कुर्द विपक्षी समूहों पर हथियार डालने और शिविरों में जाने का दबाव बनाया था। हालांकि कुछ लड़ाकों ने ईरान लौटकर आईआरजीसी के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध जारी रखने का फैसला किया। ईरान का आरोप है कि ये समूह अशांति फैलाते हैं और मोसाद से जुड़े हैं जबकि वे इन आरोपों को खारिज करते हैं। इसी वजह से ईरान ने अपनी सीमा सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए यह नया समझौता किया है।

अमेरिका क्यों है परेशान

ईरान का बढ़ता प्रभाव: अमेरिका को लगता है कि इस समझौते से इराक में ईरान का दबदबा बढ़ेगा। अमेरिका इराक में अपनी पकड़ बनाए रखना चाहता है और वहां की सुरक्षा व्यवस्था में कैटाइब हिजबुल्लाह और हरकत अल नुजाबा जैसे ईरान-समर्थित मिलिशिया का दखल कम करना चाहता है।

हथियारों की चिंता: अमेरिका को डर है कि इन ईरान-समर्थित समूहों के पास मध्यम दूरी की मिसाइलें और ड्रोन हैं जिनसे इजरायल और अमेरिकी ठिकानों पर हमला हो सकता है। वाशिंगटन को लगता है कि अगर इन पर लगाम नहीं लगाई गई तो ये कभी भी स्थिति बिगाड़ सकते हैं।

पीएमएफ का भविष्य: अमेरिका चाहता है कि पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्सेस (पीएमएफ) के कुछ हिस्सों को भंग कर दिया जाए या उन्हें सरकार के नियंत्रण में लाया जाए। पीएमएफ इराक में काम करने वाला एक ईरान-समर्थित अर्धसैनिक संगठन है। अमेरिका का मानना है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो इजरायल हवाई हमले कर सकता है जिससे पूरे इलाके में अस्थिरता फैल जाएगी।

--Advertisement--