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Up Kiran, Digital Desk: ईरान ने शुक्रवार रात से शुरू होकर रविवार तक इजरायल के खिलाफ अपनी मिसाइलों की बौछार जारी रखी जिसमें तेल अवीव सहित इजरायल के कई इलाकों में भारी तबाही मच गई। ईरान के हमले में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है और कई इमारतें पूरी तरह से तबाह हो गईं।

तेल अवीव में लोग बंकरों में छिपकर अपनी जान बचाने के लिए मजबूर हो गए जबकि सेना मुख्यालय भी हमले की चपेट में आ गया। यह हमला इस मायने में महत्वपूर्ण है कि इजरायल का आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम दुनिया में सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली माना जाता है मगर फिर भी ईरान ने राजधानी को निशाना बना लिया।

ईरान की मिसाइलों का खतरा: बलिस्टिक मिसाइलों की ताकत

जानकारों के मुताबिक ईरान के प्रभावी हमलों के पीछे उसके पास मौजूद बलिस्टिक मिसाइलें हैं जो अपने तेज गति और मारक क्षमता के लिए जानी जाती हैं। अमेरिकी रक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार इजरायल पर हमले से पहले ईरान के पास 3000 से ज्यादा बलिस्टिक मिसाइलों का जखीरा था। इन मिसाइलों का उपयोग करने से पहले अमेरिकी कमांड के चीफ केनेथ मैकेंजी ने भी ईरान के मिसाइल बेड़े की बढ़ती ताकत को लेकर चिंता जताई थी।

आयरन डोम क्यों हो रहा है नाकाम

बलिस्टिक मिसाइल वे मिसाइलें हैं जो इतनी तेज गति से हमला करती हैं कि उन्हें इंटरसेप्ट करना काफी मुश्किल हो जाता है। इन मिसाइलों का मार्ग भी तेजी से बदलता है जिससे उन्हें रोक पाना और भी कठिन हो जाता है।

इसके अलावा यदि एक साथ कई मिसाइलों का हमला किया जाए तो कोई न कोई मिसाइल लक्ष्य को भेद ही देती है। यही स्थिति इजरायल के आयरन डोम के सामने उत्पन्न हुई जिसने 200 से ज्यादा मिसाइलों के हमले का सामना किया। हालांकि आयरन डोम कई मिसाइलों को नष्ट करने में सफल रहा मगर कुछ मिसाइलों ने इजरायल के विभिन्न हिस्सों में तबाही मचाई।

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