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Up Kiran, Digital Desk: नाटो शिखर सम्मेलन से बड़ी खबर सामने आ रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान की तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि ईरान ने युद्ध में बड़ी बहादुरी दिखाई है।

ईरान को युद्ध के बाद बहुत नुकसान हुआ है। उन्हें इससे उबरने की जरूरत है। वे तेल का व्यापार करते हैं, मैं चाहूं तो उन्हें ऐसा करने से रोक सकता हूं। लेकिन मैं ऐसा नहीं करूंगा। अगले हफ्ते ईरान और अमेरिका के बीच बातचीत होगी। युद्ध में हुए नुकसान की भरपाई के लिए उन्हें तेल बेचने की जरूरत है। अगर चीन उनसे तेल खरीदना चाहता है, तो हमें अब कोई दिक्कत नहीं है।

बुधवार को नीदरलैंड में नाटो शिखर सम्मेलन हुआ था। इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के दौरान ट्रंप ने कहा था कि चीन अब ईरानी तेल खरीद सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चीन भी अमेरिका से तेल खरीदेगा।

ईरान के परमाणु कार्यक्रम के कारण अमेरिका ने पिछले कुछ सालों से उस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हुए थे। ईरान एक महत्वपूर्ण कच्चे तेल का उत्पादक है। हालांकि, इन प्रतिबंधों के कारण भारत ईरान से ज्यादा तेल नहीं खरीद सका। कोरोना और इन प्रतिबंधों के कारण कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आई थी। इससे अमेरिका समेत दुनियाभर में महंगाई बढ़ गई थी। अब यह सामने आ रहा है कि ट्रंप ईरान पर इन प्रतिबंधों को कम करने पर विचार कर रहे हैं।

व्हाइट हाउस के मुताबिक ईरान के परमाणु स्थल नष्ट हो गए हैं। हालांकि, 400 किलो संवर्धित यूरेनियम गायब हो गया है। यह यूरेनियम 10 परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त शक्तिशाली है। यह 60 प्रतिशत संवर्धित है और 90 प्रतिशत संवर्धित होने में 20-30 दिन लग सकते हैं। इसका मतलब है कि ईरान अगले महीने के भीतर परमाणु-सशस्त्र होने वाला था। उससे पहले, इजरायल ने ईरान पर हमला कर दिया था।

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