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Up Kiran, Digital Desk: देश की राजनीति में इन दिनों सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा। पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद अब इस पद को लेकर हलचल तेज हो गई है। एनडीए ने अपने पत्ते खोलते हुए महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। दिलचस्प बात यह है कि नीतीश कुमार की जेडीयू ने भी उन्हें समर्थन देने की घोषणा कर दी है।

उधर, विपक्षी INDIA गठबंधन अब तक चुप्पी साधे हुए है। सूत्रों के मुताबिक, विपक्ष की ओर से जल्द ही बैठक बुलाई जा सकती है, जिसमें यह तय होगा कि एनडीए के उम्मीदवार को सीधा समर्थन दिया जाए या फिर अलग प्रत्याशी मैदान में उतारा जाए।

इस्तीफे के बाद उठा नया सवाल

जगदीप धनखड़ ने अचानक स्वास्थ्य कारणों के चलते इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया था। उनका कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक चलना था। अब लोगों के मन में यह सवाल है कि नया उपराष्ट्रपति क्या केवल धनखड़ का शेष कार्यकाल पूरा करेंगे या पूरे पांच साल के लिए चुने जाएंगे।

क्या कहता है संविधान

संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पांच साल का होता है। अगर यह पद किसी कारणवश खाली हो जाए, तो 60 दिनों के भीतर नए चुनाव कराना अनिवार्य है। चुना गया नया उपराष्ट्रपति हमेशा पूर्णकालिक अवधि के लिए पद पर रहता है, यानी वह केवल पिछले कार्यकाल की बची हुई अवधि पूरी नहीं करता।

कब होंगे चुनाव

चुनाव आयोग पहले ही उपराष्ट्रपति चुनाव का कार्यक्रम घोषित कर चुका है। 9 सितंबर को वोटिंग होगी और उसी दिन मतगणना भी कराई जाएगी। नतीजों के बाद जो भी उम्मीदवार जीतेंगे, वह 2030 तक देश के उपराष्ट्रपति रहेंगे। यहां तक कि कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी वह तब तक पद पर बने रहेंगे जब तक नए उपराष्ट्रपति का चुनाव संपन्न नहीं हो जाता।

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