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Up Kiran, Digital Desk: इजरायल की ओर से सुरक्षित परमाणु केंद्रों को निशाना बनाने के बाद ईरान की राजधानी में एक भीषण क्षति और गम का माहौल फैला है। उस हमले में मारे गए रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख जनरल हुसैन सलामी मिसाइल कार्यक्रम के नेता जनरल आमिर अली हाजीजादेह और कई दूसरे वरिष्ठ सैन्य व वैज्ञानिक हस्तियों के अंतिम संस्कार में शनिवार को शहर के केंद्रीय मार्गों पर भारी जनसंख्या जमा थी।
गमगीन अलविदा गूंजते नारे
डेथ टू इजरायल, डेथ टू अमेरिका जैसे नारे भूमि से उठते रहे जबकि हज़ारों लोग काले वस्त्र पहनकर ईरानी झंडे लहराते और उन सैन्य शहीदों की तस्वीरें थामे सड़कों पर मौजूद थे। इस विदाई कार्यक्रम को ईरानी सरकारी टेलीविजन ने व्यापक रूप से दिखाया।
140 फीट लंबे ट्रकों में रखे ताबूत
तेहरान के प्रमुख मार्ग ‘आजादी स्ट्रीट’ पर ट्रकों पर रखे ताबूतों को जनता की आखिरी झलक के लिए ले जाया गया। सलामी और हाजीजादेह दोनों का निधन 13 जून को हुआ था जब इजरायल ने ईरानी परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाते हुए अपार सैन्य हमले की शुरुआत की थी।
60 शहीदों की संयुक्त विदाई
सरकारी घोषणा के अनुसार कुल 60 लोगों का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार हुआ जिनमें चार महिलाएं और चार बच्चे भी शामिल थे। इस अवसर विशेष पर सरकारी किनारे बंद रख दिए गए जिससे राज्य के कर्मचारी और अधिकारी शामिल हो सकें।
इस्माइल कानी भी मौजूद
सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर वायरल वीडियो में कुद्स फोर्स के प्रभारी जनरल इस्माइल कानी को भी अंतिम संस्कार में विदा देते देखा गया। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में यह उल्लेख था कि कानी भी इजरायली हमले में मारे गए वरिष्ठ सैन्य नेताओं में शुमार थे हालाँकि इज़राइल की सेना ने उनकी भूमिका की पुष्टि नहीं की थी।
खामेनेई अदृश्य मगर दर्द व्यक्त हुआ लोकतंत्र में
इसके बावजूद कार्यक्रम में ईरान के शीर्ष नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की कथित उपस्थिति की पुष्टि नहीं हुई। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इस सार्वजनिक आयोजन में उनकी गैरमौजूदगी से इस्लामी नेतृत्व का नजरिया जाहिर होता है।
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