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Up Kiran, Digital Desk: ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर एक बार फिर कड़ा रुख अपनाया है। उसने अमेरिका और इज़रायल की उस रिपोर्ट पर सीधी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें दावा किया गया था कि ये देश ईरान के 'हथियार-ग्रेड' यूरेनियम की तलाश में हैं। ईरान का स्पष्ट संदेश है: 'खेल खत्म नहीं हुआ है'। यह बयान ऐसे समय में आया है जब मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव अपने चरम पर है।

यह बयान ऐसे समय में आया है जब अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने चिंता व्यक्त की है कि ईरान ने अपने परमाणु भंडार को बढ़ा दिया है, जो 2015 के परमाणु समझौते (JCPOA) में तय की गई सीमा से कहीं अधिक है। अमेरिका और यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों के बावजूद, ईरान लगातार यूरेनियम संवर्धन जारी रखे हुए है, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ रहा है और पश्चिमी देशों की चिंताएँ भी गहरी हो रही हैं।

विश्लेषकों का मानना है कि ईरान का 60% तक यूरेनियम संवर्धन, उसे परमाणु हथियार बनाने की क्षमता के बहुत करीब ले जाता है। इज़रायल और अमेरिका लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि वे ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे। इस बीच, खुफिया रिपोर्टें बताती हैं कि अमेरिका और इज़रायल की खुफिया एजेंसियां ईरान के उच्च-संवर्धित यूरेनियम के ठिकानों और उसकी मात्रा का पता लगाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही हैं।

ईरान हमेशा यह दावा करता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है, जिसमें ऊर्जा उत्पादन और चिकित्सा उपयोग शामिल हैं। हालांकि, पश्चिमी देशों और अंतर्राष्ट्रीय निगरानी निकायों को उसकी मंशा पर लगातार संदेह रहा है, खासकर जब से ईरान ने JCPOA समझौते से जुड़े कुछ प्रतिबंधों का उल्लंघन करना शुरू किया है।

ईरान का यह चुनौती भरा बयान, और हथियार-ग्रेड यूरेनियम की चल रही तलाश, मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव और एक संभावित बड़ी सैन्य झड़प के जोखिम को दर्शाता है। इस जटिल स्थिति पर वैश्विक समुदाय की नज़र बनी हुई है, क्योंकि इसका क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।

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