
Up Kiran, Digital Desk: महाराष्ट्र में किसानों की कर्जमाफी को लेकर राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। राज्य सरकार द्वारा फसल ऋण पर ब्याज माफ करने की घोषणा के बाद, शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने मुखपत्र 'सामना' के जरिए सरकार पर तीखा हमला बोला है। ठाकरे ने इस घोषणा को किसानों के साथ एक "क्रूर मजाक" और धोखा बताया है और मांग की है कि सरकार ब्याज माफी की राजनीति करने के बजाय किसानों का पूरा कर्ज माफ करे।
'सामना' के संपादकीय में उद्धव ठाकरे ने कहा, "यह सरकार किसानों को राहत देने के नाम पर सिर्फ राजनीति कर रही है। कभी सूखा तो कभी बाढ़ की मार झेल रहे किसान पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं। उन्हें सिर्फ ब्याज माफी के लॉलीपॉप की नहीं, बल्कि पूरी कर्जमाफी की जरूरत है।"
"चुनाव हारते ही किसानों को धोखा दिया"
संपादकीय में हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों का भी जिक्र किया गया है। ठाकरे ने आरोप लगाया है कि चुनावों में किसानों और आम जनता ने सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को सबक सिखाया, लेकिन सरकार ने इससे कोई सीख नहीं ली। उन्होंने लिखा, "चुनावों में हार के बाद सरकार को किसानों के गुस्से का एहसास होना चाहिए था, लेकिन वे अब भी किसानों को धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं।"
उद्धव ठाकरे ने अपनी सरकार के कार्यकाल को याद दिलाते हुए कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने बिना किसी शर्त के किसानों का कर्ज माफ किया था। उन्होंने मौजूदा सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह सरकार सिर्फ घोषणाएं करती है, लेकिन उन्हें जमीन पर लागू नहीं करती।
मांग सीधी और साफ - "पूरी कर्जमाफी"
शिवसेना (UBT) ने साफ कर दिया है कि वे ब्याज माफी जैसी अधूरी योजनाओं को स्वीकार नहीं करेंगे। उनकी मांग स्पष्ट है - किसानों को कर्ज के बोझ से पूरी तरह मुक्त किया जाए। 'सामना' ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने यह मांग नहीं मानी, तो किसानों का गुस्सा आने वाले विधानसभा चुनावों में फिर से देखने को मिलेगा।
यह संपादकीय महाराष्ट्र में किसान संकट और उस पर हो रही राजनीति की एक गंभीर तस्वीर पेश करता है, जहाँ किसान दो पाटों के बीच पिस रहे हैं - एक तरफ कुदरत की मार और दूसरी तरफ सरकारी नीतियों की अनिश्चितता।