
Up Kiran, Digital Desk: अगर आप हाल-फिलहाल में सोना खरीदने की सोच रहे हैं, तो ज्वेलरी शॉप पर रेट सुनकर आपको एक जोरदार झटका लग सकता है। सोना अपनी चमक से तो चौंका ही रहा है, लेकिन अब अपनी कीमतों से आम आदमी के होश उड़ा रहा है। सोने के दाम अपने अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गए हैं, और इसने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
अचानक ऐसा क्या हो गया कि सोना इतना महंगा हो गया? क्या यह सिर्फ भारत में हो रहा है, या इसके पीछे कोई और बड़ी वजह है? चलिए, इसे सरल भाषा में समझते हैं।
सोना क्यों बन गया है 'सबसे बड़ा सहारा'?
इस बेतहाशा तेजी के पीछे का सबसे बड़ा कारण है "सेफ-हेवन डिमांड" (Safe-Haven Demand)। यह एक फैंसी शब्द है, लेकिन इसका मतलब बहुत सीधा है। जब दुनिया भर के बड़े-बड़े निवेशकों को शेयर बाजार या अन्य निवेशों में खतरा महसूस होता है, तो वे अपना पैसा निकालकर एक ऐसी सुरक्षित जगह पर लगाना चाहते हैं जहां डूबने का डर न हो। और सदियों से, सोना ही वह सबसे भरोसेमंद 'तिजोरी' रहा है।
आजकल दुनिया में कुछ ऐसी ही घबराहट का माहौल है:
आर्थिक अनिश्चितता: दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की गति धीमी पड़ रही है, जिससे मंदी का डर बढ़ रहा है।
भू-राजनीतिक तनाव: अलग-अलग देशों के बीच चल रहे तनाव और युद्धों के कारण भी निवेशक डरे हुए हैं और सुरक्षित निवेश की ओर भाग रहे हैं।
महंगाई का डर: जब महंगाई बढ़ती है, तो करेंसी की कीमत कम हो जाती है। ऐसे में लोग अपना पैसा सोने में लगाते हैं ताकि उसकी वैल्यू बनी रहे।
आम आदमी पर क्या होगा असर?
भारत में सोना सिर्फ एक निवेश नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, त्योहारों और शादियों का एक अहम हिस्सा है। कीमतों के आसमान छूने का सीधा असर उन परिवारों पर पड़ेगा जो आने वाले फेस्टिव सीजन या शादी-ब्याह के लिए सोना खरीदने की योजना बना रहे थे। उन्हें अब या तो अपना बजट बढ़ाना होगा, या फिर कम सोने से काम चलाना पड़ेगा।