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देहरादून: उत्तराखंड की धरती एक बार फिर देशभक्ति की भावनाओं से गूंज उठी, जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में ‘तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा’ का आयोजन किया गया। यह आयोजन सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति श्रद्धा, शौर्य और सम्मान का प्रतीक बन गया।

राजधानी देहरादून में आयोजित इस भव्य यात्रा में हजारों की संख्या में पूर्व सैनिक, युवाओं, नागरिकों और स्कूली बच्चों ने भाग लिया। हाथों में लहराते तिरंगे, भारत माता के जयकारे और देशभक्ति के गीतों के बीच यात्रा ने एक उत्सव का रूप ले लिया।

मुख्यमंत्री धामी ने यात्रा की अगुवाई करते हुए पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया और कहा कि यह आयोजन उन सभी वीर जवानों को समर्पित है जिन्होंने देश की रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। उन्होंने कहा, “शौर्य और बलिदान की इस परंपरा को हम आगे बढ़ाते रहेंगे। यह यात्रा हमारी युवा पीढ़ी को प्रेरणा देगी और उन्हें देश के प्रति समर्पण का भाव सिखाएगी।”

इस यात्रा का उद्देश्य न केवल देशभक्ति का संचार करना था, बल्कि शहीदों और पूर्व सैनिकों के योगदान को सार्वजनिक रूप से सम्मानित करना भी था। विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों और संस्थानों के छात्र भी बड़ी संख्या में इसमें शामिल हुए। पारंपरिक वेशभूषा, बैंड की धुनों और तिरंगे की छांव में निकली यह यात्रा शहर की सड़कों पर एक नई ऊर्जा और गर्व का संचार करती रही।

इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि उत्तराखंड न केवल वीर जवानों की भूमि है, बल्कि यहां की जनता अपने शहीदों और सैनिकों के सम्मान में सदैव एकजुट रहती है।
 

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