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मनोरंजन जगत की चकाचौंध को छोड़कर जब कोई सितारा सरकारी सेवा की राह पकड़ता है, तो यह बदलाव हर किसी को चौंका देता है। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है एचएस कीर्तना की, जिन्होंने एक सफल अभिनय करियर को अलविदा कहकर प्रशासनिक सेवा में कदम रखा और आज एक आईएएस अधिकारी के रूप में देश की सेवा कर रही हैं।

बचपन से शुरू हुआ अभिनय सफर
कर्नाटक के तुमकुर जिले के होसकेरे गांव में जन्मी कीर्तना ने महज 4 साल की उम्र में अपने अभिनय करियर की शुरुआत कर दी थी। उन्होंने कन्नड़ फिल्मों और टेलीविजन शोज़ में एक बाल कलाकार के रूप में अपनी पहचान बनाई और धीरे-धीरे प्रमुख भूमिकाएं निभाने लगीं। अभिनय के क्षेत्र में उन्होंने 32 फिल्मों और 48 टीवी शोज़ में काम किया, जिनमें कई सुपरहिट रहीं।

इन फिल्मों और शोज में दिखाई दीं
कीर्तना के अभिनय करियर की कुछ प्रमुख फिल्मों और शोज़ में शामिल हैं—'लेडी कमिश्नर', 'हब्बा', 'डोर', 'कर्पूरदा गोम्बे', 'गंगा-यमुना', 'उपेंद्र', 'ए', 'कनूर हेग्गादती', 'मुदिना आलिया', 'सर्कल इंस्पेक्टर', 'ओ मल्लिगे', 'सिम्हाद्री', 'जननी', 'पुटानी एजेंट' और 'चिगुरू'। इन सभी प्रोजेक्ट्स में उन्होंने विविध भूमिकाएं निभाईं और दर्शकों का दिल जीता।

करियर के शिखर पर लिया बड़ा फैसला
जब कीर्तना का करियर चरम पर था, तब उन्होंने एक्टिंग को पूरी तरह छोड़ने और प्रशासनिक सेवा में जाने का साहसिक निर्णय लिया। यह कोई आसान रास्ता नहीं था, लेकिन कीर्तना ने दिखा दिया कि मजबूत इच्छाशक्ति और निरंतर प्रयास से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

प्रशासनिक सेवा में पहला कदम: केएएस अधिकारी के रूप में चयन
2011 में उन्होंने कर्नाटक प्रशासनिक सेवा (KAS) की परीक्षा पास की और दो वर्षों तक केएएस अधिकारी के रूप में कार्य किया। यह उनके प्रशासनिक करियर की पहली सीढ़ी थी, लेकिन उनका सपना इससे भी बड़ा था—आईएएस अधिकारी बनने का।

यूपीएससी की राह: छह प्रयास, एक सफलता
कीर्तना ने यूपीएससी की कठिन परीक्षा को छठवें प्रयास में सफलता पूर्वक पास किया। उन्होंने ऑल इंडिया में 167वीं रैंक हासिल की, जो यह दिखाता है कि उन्होंने कितनी मेहनत और लगन से तैयारी की। उनकी यह यात्रा हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है, जो फिल्मों से हटकर किसी नई दिशा में जीवन शुरू करने का सपना देखते हैं।

पहली पोस्टिंग और वर्तमान पद
आईएएस अधिकारी बनने के बाद एचएस कीर्तना की पहली पोस्टिंग कर्नाटक के मांड्या जिले में सहायक आयुक्त के रूप में हुई। वहां उन्होंने अपनी प्रशासनिक जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया। फिलहाल वे कर्नाटक के चिक्कमगलुरु जिले में पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं, जहां वे ग्रामीण विकास और शासन सुधार से जुड़े कार्यों को प्रभावी रूप से अंजाम दे रही हैं।

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