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Up Kiran, Digital Desk: एक समय ऐसा था जब महाराष्ट्र के अमरावती ज़िले की रहने वाली बबीता ताडे महीने भर की मेहनत के बदले सिर्फ़ ₹1500 कमाती थीं। सरकारी स्कूल में मिड-डे मील बनाने वाली बबीता का जीवन तब पूरी तरह से बदल गया जब उन्होंने 'कौन बनेगा करोड़पति' के मंच पर बैठकर एक के बाद एक 15 सवालों के सही जवाब दिए और जीत गईं पूरे ₹1 करोड़।

एक आम महिला की असाधारण जीत

बबीता ताडे की जीत सिर्फ़ पैसे की नहीं थी, बल्कि वह एक प्रतीक बन गईं—संघर्ष से सफलता तक के सफर की। 18 और 19 सितंबर 2019 को प्रसारित केबीसी सीजन 11 के एपिसोड में बबीता अमिताभ बच्चन के सामने हॉटसीट पर बैठीं और खेल की शुरुआत से ही आत्मविश्वास से भरी दिखीं।

खास बात यह रही कि उन्होंने ₹7 करोड़ के सवाल तक पहुंचने के बाद रिस्क न लेते हुए गेम छोड़ दिया, लेकिन बाद में जब उन्होंने मज़ाक में उसका उत्तर बताया, तो वह सही निकला। यानी अगर उन्होंने जवाब दिया होता, तो आज वह 1 नहीं, 7 करोड़ की विजेता होतीं।

सिर्फ एक विजेता नहीं, प्रेरणा बनीं बबीता

केबीसी में शानदार प्रदर्शन के बाद बबीता को अमरावती ज़िले का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया। एक महिला, जो रोज़ सिर्फ़ बच्चों का पेट भरने के लिए रोटियां बनाती थी, अब लोगों को प्रेरित करने वाली आवाज़ बन गईं। अमिताभ बच्चन ने शो के अंत में उन्हें एक स्मार्टफोन भी गिफ्ट किया था—जिसे उन्होंने उस समय तक इस्तेमाल करना भी नहीं सीखा था।

खास सवाल, जो बबीता को बना गए करोड़पति

बबीता ने जिन सवालों का सही जवाब देकर करोड़पति बनने का सफर तय किया, उनमें से कुछ बेहद दिलचस्प थे। उदाहरण के लिए:

वाल्मीकि रामायण के अनुसार सीता के बालों में कौन-सा रत्न सजाया गया था?
उत्तर: चूड़ामणि

महाराष्ट्र की सबसे ऊंची चोटी 'कळसूबाई' और 200 साल पुराना 'रतनगढ़ किला' किस हिल स्टेशन में स्थित हैं?
उत्तर: भंडारदरा

2019 क्रिकेट वर्ल्ड कप के उद्घाटन मैच में कमेंट्री की शुरुआत किस क्रिकेटर ने की?
उत्तर: सचिन तेंदुलकर

महाराष्ट्र के किस समाज सुधारक को 'लोकहितवादी' के नाम से जाना जाता है?
उत्तर: गोपाल हरी देशमुख

भारत का एकमात्र ऐसा राज्य जिसकी राजधानी का नाम 19वीं सदी में जन्मे व्यक्ति पर रखा गया है?
उत्तर: गुजरात

इसके अलावा उन्होंने धार्मिक, ऐतिहासिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक विषयों पर आधारित कठिन प्रश्नों के भी सटीक उत्तर दिए।

सिर्फ जानकारी नहीं, आत्मविश्वास से जीतीं बबीता

बबीता की सफलता यह दिखाती है कि ज्ञान के साथ आत्मविश्वास हो तो सीमित संसाधन भी सफलता की सीढ़ी बन सकते हैं। उनकी कहानी उन लाखों भारतीयों को प्रेरणा देती है, जो सीमित साधनों के बावजूद बड़े सपने देखने की हिम्मत रखते हैं।

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