Up Kiran, Digital Desk: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में सुबह उठते ही सिर दर्द चालू। फोन की नोटिफिकेशन, ट्रैफिक का टेंशन और ऑफिस का बोझ। लेकिन हमारे पुराने ऋषि-मुनि कितने समझदार थे! उन्होंने बिना कोई ऐप डाउनलोड किए ही बताया था कि दिन की शुरुआत कैसे धांसू करनी है।
बस उठो। नहाओ-धो लो। और सबसे पहले इन चार खास पेड़-पौधों को देख लो। बस देख लो। छूने की भी जरूरत नहीं। फिर देखो कमाल। पूरा दिन ऐसा लगेगा जैसे कोई जादू हो गया हो।
सबसे पहला नंबर है हमारी प्यारी तुलसी माता का। घर के आंगन में छोटा सा गमला ही काफी है। सुबह मां तुलसी को प्रणाम करो। एक लोटा जल चढ़ाओ। बस हो गई लक्ष्मी जी की एंट्री। जहां तुलसी रहती है वहां झगड़ा नहीं टिकता। बीमारी पास नहीं फटकती। पैसे की तंगी भी धीरे-धीरे दूर हो जाती है। मेरी पड़ोसन आंटी रोज ऐसा करती हैं। उनका घर देखो कितना शांत रहता है।
अब बारी आती है बेल पत्र के पेड़ की। भोलेनाथ का सबसे चहेता। मंदिर के पास कोई बेल का पेड़ दिख जाए तो समझो शिवजी खुद मिलने आ गए। सुबह इसके पत्ते देखते ही दिमाग में जो कचरा भरा रहता है वो साफ। कोई बड़ा टेंशन हो तो भी हिम्मत आ जाती है। मैंने खुद ट्राई किया है। एक बार नौकरी का इंटरव्यू था। सुबह मंदिर गया। बेल पत्र देखा। प्रणाम किया। शाम को सिलेक्शन का कॉल आ गया। संयोग कहो या चमत्कार।
तीसरा नाम है अशोक का। नाम ही अशोक है यार। मतलब शोक दूर करने वाला। पुराने ग्रंथों में लिखा है कि जहां अशोक का पेड़ होता है वहां दुख का नामोनिशान नहीं रहता। सुबह इसके हरे पत्ते देख लो। दिन भर मन खुश रहेगा। कोई कितना भी परेशान कर ले चैन से काम होता रहेगा। शहर में जगह कम है तो छोटा सा पौधा भी लगा लो। फायदा वही।
और चौथा है आंवला। ये तो सेहत का खजाना है। सुबह आंवले के पेड़ को देखने मात्र से शरीर में नई ताकत आती है। बाल झड़ रहे हैं। चेहरा मुरझाया हुआ है। आंवला देखो और खाओ भी। उम्र बढ़ेगी। रोग दूर रहेंगे। आयुर्वेद के बड़े-बड़े डॉक्टर भी मानते हैं कि आंवला अमृत समान है।
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