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Up Kiran, Digital Desk: पितृ पक्ष का आखिरी दिन, जिसे हम सर्व पितृ अमावस्या कहते हैं, बहुत खास होता है। यह दिन उन सभी पूर्वजों को याद करने का है, जिनकी मृत्यु की तिथि हमें याद नहीं है या किसी कारण से जिनका श्राद्ध नहीं हो पाया हो। मन्यता है कि इस दिन हमारे पितर धरती पर आते हैं और हमसे तर्पण की उम्मीद रखते हैं। इस दिन पूरी श्रद्धा से किए गए कुछ सरल उपाय न सिर्फ हमारे पूर्वजों की आत्मा को शांति देते हैं, बल्कि उनके आशीर्वाद से हमारे जीवन की कई बाधाएं भी दूर हो जाती हैं।

पितरों की शांति के लिए कुछ सरल उपाय

ब्राह्मण को भोजन कराएं: इस दिन, अपने पूर्वजों के नाम पर किसी ब्राह्मण को सम्मानपूर्वक घर पर भोजन कराएं। उन्हें अपनी श्रद्धा अनुसार वस्त्र और दक्षिणा देकर विदा करें। ऐसा करने से पितर तृप्त होते हैं।

शिवलिंग पर अर्पित करें ये चीजें: अगर जीवन में पितृ दोष के कारण परेशानियां आ रही हैं, तो इस दिन किसी शिव मंदिर जाएं। शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, काले तिल और बेलपत्र चढ़ाएं। मना जाता है कि ऐसा करने से पितृ दोष का प्रभाव कम होता है और भगवान शिव की कृपा मिलती है।

पंचबलि भोग: घर में जो भी सात्विक भोजन बने, उसमें से पांच हिस्से जरूर निकालें। ये हिस्से गाय, कुत्ते, कौवे, देवता और चींटी के लिए होते हैं। माना जाता है कि इन जीवों को भोजन कराने से वह सीधे पितरों तक पहुंचता है।

दान का महत्व: सर्व पितृ अमावस्या पर दान का विशेष महत्व है। किसी जरूरतमंद को काले तिल, कपड़े या अन्न का दान करने से पितरों को शांति मिलती है और पितृ दोष भी शांत होता है।

 तुलसी से जुड़ा उपाय: इस दिन तुलसी माता को लाल रंग की चुनरी चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है। यह उपाय घर में सुख-शांति लाता है और परिवार में तरक्की के रास्ते खोलता है।

यह दिन अपने पूर्वजों के प्रति आभार व्यक्त करने का है। इस दिन किए गए छोटे-छोटे काम भी हमारे जीवन में बड़ा सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।