
Up Kiran, Digital Desk: तेलंगाना में कांग्रेस सरकार के सामने अब एक नई चुनौती खड़ी हो गई है। बीआरएस नेता के. कविता ने मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी को एक बड़ा राजनीतिक दांव खेलते हुए चुनौती दी है कि वे कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए चुनावी वादों पर चर्चा के लिए तत्काल विधानसभा सत्र बुलाएं। उन्होंने मुख्यमंत्री पर "वंशवादी अहंकार" को एक तरफ रखने और जनहित के वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया है।
कविता ने मुख्यमंत्री को एक खुला पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार अपने प्रमुख वादों को पूरा करने में विफल रही है, जिससे किसान और युवा समुदाय ठगा हुआ महसूस कर रहा है। उन्होंने विशेष रूप से 2 लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफी, धान पर 500 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस, बेरोजगारी भत्ता, और जाति जनगणना जैसे वादों का जिक्र किया, जो अब तक पूरे नहीं किए गए हैं।
बीआरएस नेता ने कांग्रेस के 'महालक्ष्मी' वादे पर भी सवाल उठाए, जिसके तहत महिलाओं के लिए आरटीसी बसों में मुफ्त यात्रा का प्रावधान था। उन्होंने कहा कि भले ही यह योजना लागू की गई है, लेकिन इसका कार्यान्वयन अपर्याप्त रहा है और इससे अभी भी कई महिला यात्रियों को परेशानी हो रही है।
कविता ने अपने पत्र में लिखा, "विधानसभा सत्र बुलाकर सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह अपने चुनावी वादों को कब और कैसे पूरा करेगी। किसानों और युवाओं के साथ हुआ यह धोखा अस्वीकार्य है।" उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव से पहले जानबूझकर इन वादों को पूरा करने में देरी की ताकि मतदाताओं को गुमराह किया जा सके।
उन्होंने मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें अपनी पार्टी के घोषणापत्र को 'पवित्र ग्रंथ' मानने का नाटक बंद करना चाहिए और अब कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि जनता को वादों के पूरा होने की स्थिति के बारे में जानने का पूरा अधिकार है और सरकार को इस पर पूरी पारदर्शिता और जवाबदेही दिखानी चाहिए।
यह चुनौती तेलंगाना की राजनीति में एक नया अध्याय खोल सकती है, जहां विपक्षी दल अब कांग्रेस सरकार पर उनके चुनावी
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