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Up Kiran, Digital Desk: जाने-माने बॉलीवुड अभिनेता के.के. मेनन ने हाल ही में कांग्रेस पार्टी के एक अभियान में अपनी कथित संलिप्तता को लेकर एक कड़ा रुख अपनाया है। अभिनेता ने स्पष्ट रूप से 'वोट चोरी' (vote chori) के कथित अभियान में अपनी भूमिका से इनकार किया है और कहा है कि यह सब उनकी सहमति के बिना किया गया था। यह बयान कांग्रेस पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया है, जो हाल ही में चुनावों में धांधली के आरोपों से घिरी हुई है।

"यह धोखा है!": के.के. मेनन का कांग्रेस पर आरोप

मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, अभिनेता के.के. मेनन ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस के 'वोट चोरी' अभियान में उनका कोई हाथ नहीं है और उनके नाम या छवि का उपयोग उनकी जानकारी या सहमति के बिना किया गया है। यह एक गंभीर आरोप है जो किसी व्यक्ति के नाम और पहचान के अनधिकृत उपयोग की ओर इशारा करता है, खासकर एक राजनीतिक अभियान के संदर्भ में। अभिनेता ने इस तरह के कार्यों को 'धोखा' और 'अपमानजनक' बताया है।

बिना सहमति' का मामला: अधिकारों का उल्लंघन?

जब किसी व्यक्ति की सहमति के बिना उसकी छवि या नाम का उपयोग किसी भी अभियान, विशेष रूप से राजनीतिक अभियानों में किया जाता है, तो यह कानूनी और नैतिक दोनों तरह से गंभीर चिंता का विषय बन जाता है। के.के. मेनन का यह स्पष्टीकरण इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे सार्वजनिक हस्तियों के निजता के अधिकार और पहचान के दुरुपयोग के मुद्दे महत्वपूर्ण हैं।

यह मामला एक बार फिर राजनीतिक दलों द्वारा प्रचार के तरीकों पर बहस छेड़ता है और यह सवाल उठाता है कि क्या हस्तियों की अनुमति के बिना उनके प्रभाव का इस्तेमाल करना उचित है।

कांग्रेस की ओर से प्रतिक्रिया का इंतजार: फिलहाल, कांग्रेस पार्टी की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पार्टी इस आरोप का जवाब कैसे देती है और क्या वे इस मामले में कोई स्पष्टीकरण जारी करते हैं।

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