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Up Kiran, Digital Desk: सावन के महीने में कांवर यात्रा के चलते शास्त्री पुल पर बड़े वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाएगा। इसका मतलब यह है कि पुल की एक लेन पूरी तरह से कांवरियों के लिए सुरक्षित रखी जाएगी, जबकि अन्य बड़े वाहन और बसों को नए मार्ग से जाना पड़ेगा। इससे यात्रियों को कई तरह की असुविधाओं का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि बसों के रूट में भी बदलाव किया जा रहा है।

मार्ग में बदलाव से यात्रा की दूरी बढ़ेगी, यात्रियों पर असर
सिविल लाइंस बस अड्डे से चलने वाली वाराणसी और गोरखपुर रूट की बसों को अब झूंसी की बजाय फाफामऊ के रास्ते भेजा जाएगा। इसका सीधा असर यात्रियों की जेब पर पड़ेगा। पहले से लंबी यात्रा का मतलब होगा ज्यादा किराया।

क्या बदलाव होगा?
वाराणसी रूट पर सबसे ज्यादा असर देखने को मिलेगा। अब तक प्रयागराज से वाराणसी का किराया 197 रुपये था, लेकिन डायवर्जन के बाद यह बढ़कर 225 रुपये हो जाएगा। दरअसल, मार्ग में बदलाव के कारण 126 किलोमीटर की यात्रा अब बढ़कर 144 किलोमीटर हो जाएगी, जिससे एक यात्री को 28 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे।

इसी तरह, गोरखपुर जाने वाले यात्रियों के लिए भी खबर अच्छी नहीं है। गोरखपुर रूट पर यात्रा की दूरी 582 किलोमीटर से बढ़कर 606 किलोमीटर हो जाएगी, जिससे किराया 428 रुपये से बढ़कर 440 रुपये हो जाएगा। इसका मतलब है कि गोरखपुर जाने वाले यात्रियों को अब और भी ज्यादा खर्च करना पड़ेगा।

दूरी बढ़ने का मतलब अधिक किराया
इतना ही नहीं, आजमगढ़ और जौनपुर जैसे रूटों पर भी यात्रियों को इसी तरह के बढ़े हुए किराए का सामना करना पड़ेगा। सफर लंबा होने से न केवल समय में वृद्धि होगी, बल्कि खर्च भी बढ़ेगा, जिससे यात्रियों के लिए यह अनुभव थोड़ी कड़ी चुनौती बन सकता है।

11 जुलाई से लागू होगा डायवर्जन
यह बदलाव 11 जुलाई से लागू होने जा रहे हैं। यानी कांवर यात्रा की शुरुआत होते ही यात्रियों को नए रूट्स और बढ़े हुए किराए का सामना करना पड़ेगा।

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