
Up Kiran , Digital Desk: अक्षय तृतीया को भारत में समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इस साल यह खास त्योहार 30 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा। परंपरा के अनुसार इस दिन सोना के आभूषण बेहद अच्छे होते हैं और इनमें सोने के आभूषण, सिक्के और बार की आकर्षक मांग रहती है।
लेकिन याद रखें, भीड़भाड़ वाले इलाके में जहां भी आप अवैध सौदों का शिकार नहीं हो सकते। अगर आप भी इस शुभ दिन पर सोने में निवेश की योजना बना रहे हैं, तो असली और नकली सोने की पहचान करना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कुछ जरूरी टिप्स जो आपकी दुकान को सुरक्षित बनाएंगे।
1. सबसे पहले HUID नंबर चेक करें
जब भी सोने की ज्वेलरी खरीदें, सबसे पहले HUID (हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन) नंबर जरूर देखें:
यह छह अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक कोड होता है, जो सोने के सर्वर की पुष्टि करता है।
आप इस नंबर को बीआईएस केयर ऐप के जरिए स्कैन कर सकते हैं और इसकी जांच कर सकते हैं, रजिस्टर और हॉलमार्किंग सेंटर की जानकारी पा सकते हैं।
बिना हॉलमार्क के कोई भी गहना गायब, बेरोजगारी की पेशकश भी क्यों न हो।
2. असली हॉलमार्क की पहचान करें
हॉलमार्क का मतलब केवल मुहर नहीं, प्रमाणित गुणवत्ता है।
भारत में हॉलमार्किंग का कार्य भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) करता है।
असली हॉलमार्क आपको मिलेगा:
बीआईएस का तिकोना लोगो
हॉलमार्किंग सेंटर का लोगो
सोने की रोशनी का अंक (जैसे 22K916)
ज्वैलरी निर्माण का वर्ष और निर्माता का लोगो
बिना सही हॉलमार्क वाले गहनों से हमेशा दूरी।
3. कैरेट (Karat) को सही तरीके से चुना गया
सोने की आकाशगंगा को कैरेट में रखा जाता है:
24K सोना - 99.9% शुद्ध
22K सोना - 91.6% शुद्ध
18K/14K सोना — काम सुपरमार्केट वाला
जब आप स्थिर हों तो मूल्य सूचकांक के अनुसार होना चाहिए। उदाहरण के लिए:
अगर 24 कैरेट सोने की कीमत 95000 रुपये प्रति 10 ग्राम है, तो 22 कैरेट सोने की सही कीमत (95000/24)×22 = 87083 रुपये प्रति है।
ध्यान दें कि कई सूनर 22 कैरेट सोना 24 कैरेट के दाम पर की कोशिश की जाती है। रुको!
4. प्योरिटी सीमेंट लेना न भूलें
सोना मोशन स्पीकर केवल मॉस्क सपोर्टर पर भरोसा न करें:
ऑथेंटिसिटी शास्त्र निश्चित रूप से लें जिसमें कैरेट, भूगोल और अन्य वैज्ञानिक सासा-साफ लिखा हो।
अगर ज्वैलरी में कोई जेम स्टोन भी जड़ाता है, तो उसके लिए भी अलग से प्रमाण पत्र मांगें।
यह भविष्य में रीसेल या रिज़ल्ट का समय आपका काम आएगा।
5. सेल नहीं, पक्की पर्ची लें
अक्सर लोग सोने की दुकान पर प्लास्टिक की पर्ची सही मानते हैं, लेकिन यह एक बड़ी चूक हो सकती है।
खरीदारी करने का समय निश्चित करें बिल अवश्य लें।
बिल में सोने का कैरेट, डीवीडी, मेट्रिक्स चार्ज और हॉलमार्किंग पैटर्न स्पष्ट रूप से होना चाहिए।
पक्का बिल आपके लिए लीगल ड्रू की तरह काम करना चाहता है, खासकर अगर भविष्य में कोई विवाद हो जाए।
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