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Up Kiran, Digital Desk: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में गाजा संघर्ष पर लाए गए एक प्रस्ताव पर भारत के वोटिंग से दूर रहने के फैसले की कड़ी आलोचना की है और इसे "शर्मनाक" बताया है। खड़गे ने आरोप लगाया कि भारत की विदेश नीति "पूरी तरह से चरमरा गई है"।

 हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा में जॉर्डन द्वारा एक प्रस्ताव पेश किया गया था। इस प्रस्ताव में इजरायल और हमास के बीच तत्काल "मानवीय संघर्ष-विराम" (humanitarian truce) की मांग की गई थी, ताकि गाजा में फंसे आम नागरिकों तक मदद पहुंचाई जा सके।

इस प्रस्ताव के पक्ष में 120 देशों ने वोट किया, जबकि अमेरिका और इजरायल समेत 14 देशों ने इसके खिलाफ वोट दिया। वहीं भारत, ब्रिटेन, जर्मनी और जापान जैसे 45 देश वोटिंग से अनुपस्थित रहे।

भारत के इसी कदम पर सवाल उठाते हुए, मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया पर लिखा, "महात्मा गांधी ने फिलिस्तीन के लिए अपनी गहरी सहानुभूति व्यक्त की थी। 

भारत ने हमेशा से फिलिस्तीनी लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन किया है। लेकिन संयुक्त राष्ट्र में मानवीय संघर्ष-विराम के पक्ष में वोट करने से इनकार करके, मोदी सरकार ने गांधी जी के सिद्धांतों और भारत की लंबे समय से चली आ रही स्वतंत्र विदेश नीति को धोखा दिया है।"

खड़गे का यह बयान भारत की पारंपरिक विदेश नीति और मौजूदा सरकार के रुख के बीच के अंतर को उजागर करता है, जिसने देश में एक नई राजनीतिक बहस छेड़ दी है।

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