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Up Kiran, Digital Desk: वक्फ एक्ट की शक्तियों को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसा फैसला सुनाया है, जिसका असर बहुत दूर तक जाएगा। इस ऐतिहासिक फैसले का केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने खुले दिल से स्वागत किया है। उन्होंने इस फैसले को 'लोकतांत्रिक भारत' और 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की भावना की जीत बताया है।

क्या है सुप्रीम कोर्ट का यह बड़ा फैसला?

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ एक्ट, 1995 के कुछ प्रावधानों की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को 'वक्फ संपत्ति' घोषित करने से पहले उसकी पूरी तरह से जांच-पड़ताल करेगा। अदालत ने जोर देकर कहा कि बोर्ड को यह सुनिश्चित करना होगा कि संपत्ति वास्तव में इस्लामिक कानून के अनुसार 'वक्फ' के लिए दान की गई है या नहीं।

सरल शब्दों में, अब वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति पर सिर्फ इसलिए दावा नहीं कर सकता क्योंकि वह दशकों से उसके कब्जे में है। उन्हें यह साबित करना होगा कि संपत्ति को कानूनी तौर पर वक्फ के लिए ही दिया गया था।

किरेन रिजिजू ने क्यों बताया इसे 'ऐतिहासिक'?

इस फैसले पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया पर लिखा, "यह एक ऐतिहासिक फैसला है जो 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की भावना को और मजबूत करेगा। माननीय सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का सार एक लोकतांत्रिक भारत के पक्ष में है।"

उनके इस बयान का मतलब है कि यह फैसला किसी एक समुदाय के पक्ष या विपक्ष में नहीं है, बल्कि यह कानून के शासन और सबके लिए बराबरी के सिद्धांत को मजबूत करता है। यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी संस्था को असीमित शक्तियां न मिलें और हर फैसला कानून और सबूतों के आधार पर ही हो।