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Up Kiran, Digital Desk: प्रमुख व्यक्ति किशन रेड्डी ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया है कि हर शिक्षक को योग का 'राजदूत' होना चाहिए। उनका यह सुझाव योग के महत्व पर ज़ोर देता है और इसे समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने की आवश्यकता बताता है।

किशन रेड्डी का मानना है कि शिक्षक छात्रों और भावी पीढ़ी के लिए आदर्श होते हैं। स्कूल केवल शैक्षणिक ज्ञान का केंद्र नहीं होना चाहिए, बल्कि समग्र विकास और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने का स्थान भी होना चाहिए। इसलिए, यदि शिक्षक स्वयं योग को अपनाते हैं और इसके प्रति जागरूकता फैलाते हैं, तो इसका गहरा और सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

शिक्षकों द्वारा योग को बढ़ावा देने से छात्रों में कम उम्र से ही इसके लाभों के प्रति रुचि पैदा हो सकती है। यह उन्हें शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनने में मदद कर सकता है।

यह बयान दिखाता है कि सरकार और प्रमुख हस्तियाँ योग के प्रचार-प्रसार को कितना महत्व देती हैं। शिक्षकों को योग के राजदूत के रूप में देखना इस प्राचीन अभ्यास को व्यापक रूप से अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा सकता है।

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