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Up kiran,Digital Desk : बिहार के लिए एक बहुत बड़ी और अच्छी खबर आ रही है। अब बिहार में भी नोएडा और गुड़गांव जैसे बड़े-बड़े इंडस्ट्रियल एरिया बनेंगे, जहाँ कई सारी फैक्टरियां लगेंगी और हज़ारों-लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। केंद्र सरकार ने बिहार में दो 'स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन' (SEZ) बनाने की मंजूरी दे दी है।

यह खबर बिहार के भविष्य के लिए बहुत अहम है और राज्य के उद्योग विभाग ने इस पर तेजी से काम भी शुरू कर दिया है।

कहाँ बन रहे हैं ये स्पेशल ज़ोन?

  1. पश्चिम चंपारण (कुमारबाग)
  2. बक्सर (नावानगर)

इन दोनों जगहों पर सरकार के पास लगभग 125-125 एकड़ ज़मीन पहले से मौजूद है, जिस पर बिहार इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (BIADA) यह पूरा प्रोजेक्ट तैयार करेगी।

तो आखिर ये SEZ होता क्या है और इससे क्या फायदा होगा?

चलिए, इसे एकदम आसान भाषा में समझते हैं। स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन यानी SEZ एक ऐसा खास इलाका होता है जिसे सरकार उद्योगों के लिए ही तैयार करती है।

  • क्या मिलेगा फैक्टरियों को? इस इलाके में जो भी अपनी फैक्ट्री लगाएगा, उसे सरकार हर तरह की सुविधा देगी, जैसे- पक्की सड़कें, 24 घंटे बिजली, पानी और पूरी सुरक्षा। मतलब, फैक्ट्री लगाने वालों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी।
  • आम लोगों को क्या फायदा? एक-एक SEZ में करीब 25-30 नई फैक्टरियां लगेंगी। जब इतनी सारी फैक्टरियां लगेंगी तो उनमें काम करने के लिए लोगों की ज़रूरत भी पड़ेगी। इसका सीधा मतलब है कि बिहार के युवाओं को अब रोजगार के लिए बाहर जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। उन्हें अपने ही घर के पास अच्छी नौकरी मिल सकेगी। जैसे बाढ़ में NTPC का प्लांट लगने से आसपास के हज़ारों लोगों को काम मिला था, ठीक वैसा ही यहां भी होगा।

सरकार का क्या है प्लान?

उद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल ने बताया कि सरकार इस योजना को लेकर बहुत गंभीर है और इस पर करीब 225 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। सरकार का लक्ष्य 1 करोड़ नौकरी और रोजगार पैदा करना है और उद्योग इसमें सबसे बड़ी भूमिका निभाने वाले हैं।

अब बड़े अधिकारियों से मिलना हुआ आसान

सरकार ने एक और बहुत बड़ा कदम उठाया है ताकि जो लोग बिहार में फैक्ट्री लगाना चाहते हैं, उन्हें कोई दिक्कत न हो। अब कोई भी निवेशक बिना अपॉइंटमेंट लिए सीधे मुख्य सचिव से मिल सकता है। हर गुरुवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक 'उद्योग वार्ता' होगी, जिसमें मुख्य सचिव खुद निवेशकों की समस्याएं सुनेंगे और उनका तुरंत समाधान करेंगे। यह एक बेहतरीन पहल है जिससे बिहार में उद्योग लगाना और भी आसान हो जाएगा।