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भूस्खलन से हुई परेशानियों के चलते उत्तराखंड के जोशीमठ को लेकर तरह तरह के प्रश्न हैं। लोग सरकार की तरफ नजरें गड़ाएं बैठे हुए हैं मगर सरकार भी फिलहाल साफ तौर से कुछ कहने की पोजीशन में नहीं है। जब तक 8 साइंटिस्टों टीमों की फाइनल रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक सरकार भी रणनीतिक निर्णय लेने में असहज नजर आ रही है। अब सारा दारोमदार साइंटिस्टों की रिपोर्ट पर थमा है।

Uttarakhand State Disaster Management Authority (USDMA) द्वारा भूस्खलन के पश्चात एनटीपीसी के परियोजना निर्माण कामों समेत सभी निर्माण कार्यों पर औली रोपवे के संचालन पर रोक लगा दी है। साथ ही जल निकासी, ड्रेन लाइनिंग व सीवरेज कार्यों की प्रगति को फिलहाल के लिए रोक दिया गया है. सचिव आपदा प्रबंधन ने बताया मौजूदा हालातों में जोशीमठ में किसी भी योजना को आगे बढ़ाना सही नहीं होगा.

उत्तराखंड सरकार ने इस प्रकरण में बहुत विचार मंथन किया है। एक बार National Disaster Management Authority (NDMA) से सभी तकनीकी टीमों की रिपोर्ट प्रदेश सरकार को मिल जाए, फिर सभी नीतिगत निर्णय लेने में आसानी होगी। जोशीमठ में जमीन धंसने के बाद अलग प्रकार की परेशानियां खड़ी हो गई हैं, इसलिए हम बहुत सोच समझकर आगे बढ़ रहे हैं, ताकि लोगों को नुकसान व कठिनाई से बचाया जा सके।

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