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मोदी सरकार की नमामि गंगे स्कीम के अंतर्गत आपदा से प्रभावित क्षेत्र जोशीमठ के लिए 200 करोड़ की लागत से सीवेज सिस्टम का निर्माण किया जाएगा।

इसके अंतर्गत स्टेप बाई स्टेप पूरे इलाके को जोड़ा जाएगा और विभिन्न जगहों पर छोटे-छोटे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाए जाएंगे। पहले फेज में 42 करोड़ की लागत से यहां 6.3 किमी लंबी ब्रांच सीवेज लाइन बछाई जाएगी जिससे जोशीमठ के 1848 भवनों को जोड़ा जाएगा। इसके लिए उत्तराखंड जलनिगम गंगा इकाई-गोपेश्वर की तरफ से प्रपोजल तैयार किया जा रहा है।

आपदा से पीड़ित जोशीमठ की हिफाजत के लिए अब प्राथमिकता से सीवेज सिस्टम पर जोर दिया जा रहा है। आपदा प्रबंधन सचिव के निर्देश पर नमामि गंगे परियोजना में उत्तराखंड जलनिगम गंगा इकाई ने पिछले 2 हफ्ते में जोशीमठ की जांच परख कर सीवेज लाइन निर्माण का ढांचा तैयार किया है।

आपको बता दें कि इस सीवेज लाइन को सालों पहले बने दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ा जाएगा। इस निर्माण कार्य पर 42 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सीवेज लाइन से जोड़ने के लिए जोशीमठ को दस से अधिक हिस्सों में बांटा जाएगा। अगले ढाई-चार सालों में पूरे जोशीमठ के पूरे क्षेत्र को सीवेज लाइन से जोड़ने का टारगेट रखा गया है।

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