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Up Kiran, Digital Desk: भारत के रेलवे इतिहास में एक नई क्रांति आने वाली है। देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत मुंबई से अहमदाबाद तक 508 किलोमीटर लंबा हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर बनाया जा रहा है। ये परियोजना न सिर्फ तकनीकी प्रगति का उदाहरण होगी बल्कि लोगों के लिए यात्रा के अनुभव को भी पूरी तरह बदल देगी।
2028 तक गुजरात में साबरमती से वापी के बीच शुरू हो सकती है ट्रेन
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर का एक हिस्सा गुजरात में साबरमती से वापी के बीच 2028 तक शुरू किया जा सकता है। पूरे मार्ग पर ट्रेन के दौड़ने की संभावना 2030 तक जताई जा रही है।
नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) द्वारा एक बड़ा राइडरशिप सर्वे आयोजित किया जाएगा, जिसमें यात्रियों की संख्या, किराया निर्धारण और ट्रैफिक अनुमान जैसे महत्वपूर्ण आंकड़ों का विश्लेषण किया जाएगा। इस सर्वे में यह भी आकलन होगा कि मौजूदा यात्रा विकल्पों जैसे कार, टैक्सी, बस, एसी ट्रेन और हवाई यात्रा से कितने यात्री हाई-स्पीड रेल की ओर आकर्षित होंगे। खास बात यह है कि यह सर्वे राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे के आस-पास के क्षेत्रों में किया जाएगा।
कुल 508 किलोमीटर की दूरी, 348 किमी गुजरात में और 156 किमी महाराष्ट्र में
यह हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर कुल 508 किलोमीटर लंबा होगा, जिसमें गुजरात का हिस्सा लगभग 348 किमी और महाराष्ट्र का हिस्सा लगभग 156 किमी होगा। महाराष्ट्र में मुंबई (BKC), ठाणे, विरार, बोईसर जैसे स्टेशन बनाए जा रहे हैं, जबकि गुजरात में वापी, बिलीमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद और साबरमती स्टेशन शामिल हैं।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, अब तक 300 किमी वायाडक्ट का निर्माण पूरा हो चुका है। मुंबई के BKC स्टेशन पर खुदाई का 76 प्रतिशत काम भी पूरा हो चुका है। इसके अलावा, 383 किमी पियर वर्क, 401 किमी फाउंडेशन और 326 किमी गर्डर कास्टिंग का कार्य भी तेजी से प्रगति पर है।
महाराष्ट्र में हो रही देरी का कारण
जहां गुजरात में काम तेजी से आगे बढ़ा है, वहीं महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण की जटिलताओं के कारण परियोजना लगभग तीन साल तक रुकी रही। यह देरी पूर्ववर्ती महा विकास आघाड़ी सरकार के समय हुई। अब सरकार की सक्रियता से काम फिर से पटरी पर आने लगा है।
बुलेट ट्रेन से क्या फायदे होंगे
यह हाई-स्पीड रेल प्रणाली भारत को उन चुनिंदा 15 देशों की सूची में शामिल कर देगी जहां बुलेट ट्रेन जैसी अत्याधुनिक तकनीक मौजूद है।
यात्रा समय में भारी कमी: मुंबई से अहमदाबाद की दूरी अब कुछ ही घंटों में तय होगी।
प्रदूषण में कमी: पर्यावरण के लिए बेहतर क्योंकि यह इलेक्ट्रिक ट्रेन होगी।
सड़क दुर्घटनाओं में कमी: सड़क पर वाहनों की संख्या कम होने से दुर्घटना जोखिम घटेगा।
रोजगार के नए अवसर: निर्माण और संचालन दोनों में नई नौकरियां उत्पन्न होंगी।
विदेशी तेल पर निर्भरता में कमी: ईंधन बचत के कारण देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा: व्यापार और पर्यटन क्षेत्र में वृद्धि होगी।
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