![img](https://upkiran.org/wp-content/uploads/2024/07/IRS officer Kuldeep Dwivedi_790696214.jpg)
Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा निस्संदेह भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। हर साल लगभग लाखों लोग इस परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन केवल एक हजार ही पास हो पाते हैं और भारतीय सरकार में IAS, IPS, IRS या IFS जैसे ऊंचे पदों को सुरक्षित कर पाते हैं। आज, हम एक ऐसे कैंडिडेट की कहानी बताएंगे जिसके पिता एक सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करते थे।
हम बात कर रहे हैं आईआरएस अधिकारी कुलदीप द्विवेदी की, जिन्होंने 2015 की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर 242वीं रैंक हासिल की। घोर आर्थिक तंगी में पले-बढ़े कुलदीप ने कभी भी अपनी सफलता की राह में किसी बाधा को आने नहीं दिया।
कुलदीप द्विवेदी यूपी के निगोह जिले के शेखपुर नामक एक छोटे से गांव से हैं। उनके पिता सूर्यकांत द्विवेदी लखनऊ विश्वविद्यालय में सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करते थे। वे परिवार के एकमात्र कमाने वाले थे, जिन्हें मात्र 1,100 रुपये का वेतन मिलता था। अपने बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाने के लिए सूर्यकांत दिन में खेतों में भी काम करते थे।
अपने चार भाई-बहनों में कुलदीप पढ़ाई में सबसे होनहार थे। उन्होंने 2009 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 2011 में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। स्नातकोत्तर डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने इलाहाबाद में रहकर एग्जाम की तैयारी की। उस समय उनके पास मोबाइल फोन भी नहीं था और वे पीसीओ के माध्यम से अपने परिवार से बात करते थे। कुलदीप ने यूपीएससी परीक्षा के लिए कोई कोचिंग क्लास नहीं ली। उन्होंने दूसरे लोगों से किताबें उधार लीं और सेल्फ स्टडी पर भरोसा किया।
सन् 2015 में कुलदीप ने यूपीएससी परीक्षा दी और अपने पहले प्रयास में ही अखिल भारतीय रैंक 242 हासिल की, जिसके कारण उनका आईआरएस अफसर के रूप में चयन हुआ।
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