img

Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले से एक बेहद दुखद खबर आई है। यहां एक किसान की जान हाथी के अचानक हमले में चली गई। यह घटना एक बार फिर इंसानों और वन्यजीवों के बीच बढ़ते संघर्ष और उससे पैदा हो रहे खतरों को सामने लाती है।

सुबह-सुबह हुआ दर्दनाक हादसा यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना द्रोनापुरम गांव में सुबह करीब 5:30 बजे हुई। मृतक की पहचान 60 वर्षीय एस. कोंडा रेड्डी के रूप में हुई है। कोंडा रेड्डी रोज़ की तरह अपनी खेती-बाड़ी के काम से अपने खेतों की ओर जा रहे थे। तभी अचानक एक जंगली हाथी उनके सामने आ गया। इससे पहले कि वह कुछ समझ पाते या अपनी जान बचा पाते, हाथी ने उन पर बेरहमी से हमला कर दिया। हाथी ने उन्हें बुरी तरह कुचला, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

बढ़ता मानव-हाथी संघर्ष इस क्षेत्र में यह कोई नई बात नहीं है। चित्तूर जिला कर्नाटक और तमिलनाडु के पड़ोसी राज्यों की सीमा से लगता है, और अक्सर हाथी के झुंड इन राज्यों के जंगलों से चित्तूर की तरफ आते-जाते रहते हैं। जब जंगल में भोजन और पानी की कमी होती है, या फसलों का मौसम होता है, तो ये विशाल जानवर खाने की तलाश में गांवों और खेतों के करीब आ जाते हैं। इसी वजह से इंसानों और हाथियों के बीच टकराव (संघर्ष) की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिसमें अक्सर इंसानों को अपनी जान गंवानी पड़ती है या फसलों का भारी नुकसान होता है।

प्रशासन की कार्रवाई घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग के अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और मृतक के परिवार को इस दुखद खबर से अवगत कराया। पुलिस ने भी मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच की जा रही है। प्रशासन के सामने अब यह गंभीर चुनौती है कि वे इस मानव-हाथी संघर्ष को कैसे कम करें और दोनों के लिए सुरक्षित सह-अस्तित्व का रास्ता कैसे निकालें।