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Up Kiran, Digital Desk: जम्मू-कश्मीर एक बार फिर प्रकृति के क्रोध का सामना कर रहा है। भारी बारिश के चलते भूस्खलन, बाढ़ और ज़मीन धंसने जैसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। सबसे गंभीर स्थिति कटरा के पास देखने को मिली, जहां माता वैष्णो देवी की यात्रा के मुख्य मार्ग पर बुधवार को बड़ा भूस्खलन हुआ, जिसमें 33 लोगों की जान चली गई और 23 से ज़्यादा घायल हैं। हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल है और बचाव अभियान अब भी जारी है।

यात्रा ठप, ट्रेनें रद्द

इस तबाही का असर न सिर्फ यात्रा पर, बल्कि पूरे ट्रांसपोर्ट नेटवर्क पर पड़ा है। जम्मू-कटरा हाइवे जगह-जगह मलबा गिरने से बंद हो गया है। नॉर्दर्न रेलवे ने ऐहतियात के तौर पर 22 ट्रेनों को रद्द कर दिया है, वहीं 27 ट्रेनों का संचालन सीमित कर दिया गया है। इनमें वैष्णो देवी बेस कैंप से चलने वाली 9 प्रमुख ट्रेनें भी शामिल हैं।

त्रिकूट पहाड़ी पर तबाही का मंजर

बीते दिन त्रिकूट पर्वत पर स्थित मंदिर मार्ग का एक बड़ा हिस्सा अचानक हुए भूस्खलन में दब गया। पत्थरों और मलबे की चपेट में आने से कई लोग घायल हुए, जबकि कई के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। राहत दल एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, स्थानीय पुलिस और स्वयंसेवकों की मदद से लगातार तलाश में जुटा है।

छह घंटे में 22 सेंटीमीटर बारिश

मंगलवार को सुबह 11:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक जम्मू में सिर्फ छह घंटे में 22 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई, जिससे कई क्षेत्रों में जलभराव और सड़कें जलमग्न हो गईं। आधी रात के बाद बारिश की तीव्रता थोड़ी घटी है, लेकिन ज़मीन अभी भी बेहद अस्थिर बनी हुई है।

3,500 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू

अधिकारियों के मुताबिक अब तक 3,500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। राहत कार्यों में तेज़ी लाई गई है। जिन इलाकों में बाढ़ और भूस्खलन का खतरा ज़्यादा है, वहां से लोगों को हटाया जा रहा है। अस्थायी राहत शिविरों में खाना, पीने का साफ पानी और प्राथमिक चिकित्सा दी जा रही है।

कनेक्टिविटी भी बाधित

लगातार बारिश और मौसम की मार ने संचार व्यवस्था को भी प्रभावित किया है। कई क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क ठप है और बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। इससे लाखों लोग अपने परिजनों और मददगारों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।

कहां-कहां है भारी असर

सबसे ज्यादा असर जम्मू शहर और आसपास के क्षेत्रों जैसे आरएसपुरा, सांबा, अखनूर, नगरोटा, बिश्नाह, कठुआ और ऊधमपुर में देखने को मिला है। वहीं रियासी, डोडा, रामबन, गूल और बनिहाल जैसे इलाकों में हल्की बारिश जारी है, लेकिन इन क्षेत्रों में भी सतर्कता बरती जा रही है।

पहचान नहीं हो सकी नौ मृतकों की

कटरा में हुए भूस्खलन के बाद जिन लोगों की जान गई है, उनमें से नौ की पहचान अब तक नहीं हो सकी है। प्रशासन ने अपील की है कि यदि कोई अपने परिजन से संपर्क नहीं कर पा रहा है तो वह राहत शिविरों और संबंधित अस्पतालों से जानकारी ले सकता है।