img

यह जानकर आपको हैरानी होगी कि चीन में एक 'चमत्कारी दवा' के लिए हर साल लाखों गधों को मार दिया जाता है. यह दवा, जिसे "इजियाओ" (ejiao) कहा जाता है, चीन की पारंपरिक चिकित्सा का एक अहम हिस्सा है. लेकिन इसकी बढ़ती मांग अब दुनिया भर के गधों के लिए एक बड़ा संकट बन गई है.

क्या है ये 'चमत्कारी दवा' इजियाओ?

इजियाओ, गधे की खाल को उबालकर बनाया जाने वाला एक जिलेटिन है. चीन में ऐसा माना जाता है कि इसमें कई चमत्कारी गुण होते हैं. कहा जाता है कि यह खून को बढ़ाता है, इम्युनिटी को मजबूत करता है और स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है. इसी विश्वास के चलते, आज फेस क्रीम से लेकर खाने-पीने की चीजों तक में इसका इस्तेमाल हो रहा है.

घटती आबादी, बढ़ता संकट: इजियाओ की मांग इतनी ज्यादा है कि चीन में गधों की आबादी 1991 के बाद से 76% तक घट गई है. जब चीन में गधे कम पड़ने लगे, तो इस उद्योग ने दुनिया के दूसरे देशों का रुख किया. इसका नतीजा यह हुआ कि ब्राजील, बोत्सवाना और किर्गिस्तान जैसे देशों में भी गधों की संख्या तेजी से घटने लगी.

एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस उद्योग को हर साल लगभग 59 लाख गधों की खाल की जरूरत पड़ती है. इस भारी मांग ने गधों की खाल के एक क्रूर और अवैध वैश्विक व्यापार को जन्म दिया है. पशु अधिकार संगठन पेटा (PETA) ने केन्या के कई गधा बूचड़खानों में होने वाली भयानक क्रूरता का भी खुलासा किया है.

आलोचना के बावजूद बढ़ता कारोबार

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही आलोचनाओं और इस दवा के वैज्ञानिक प्रमाणों की कमी के बावजूद, इजियाओ का बाजार तेजी से बढ़ रहा है. एक अनुमान के मुताबिक, 2028 तक यह उद्योग 11.7 बिलियन डॉलर (लगभग 97 हजार करोड़ रुपये) का हो जाएगा. यह वाकई सोचने पर मजबूर करता है कि एक कथित 'चमत्कारी दवा' के लिए इन बेजुबान जानवरों को कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है.