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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल को आज कौन नहीं जानता? मगर एक वक्त ऐसा भी था जब पाकिस्तान में डोभाल को जासूस के तौर पर नहीं जाना जाता था. एक बार जब वे एक कव्वाली सुनने गए, तो उनकी कहानी खत्म होने का वक्त आ गया था, मगर वे बाल-बाल बच गए।

डोभाल को केंद्र सरकार में सबसे पॉवर फुल अफसर माना जाता है। अजीत की हैसियत का अंदाजा पीएम से उनकी नजदीकियों से लगाया जा सकता है। देश के महत्वपूर्ण फैसलों में उनके वोट की अहमियत और अहम मौकों पर उनकी मौजूदगी से उनकी हैसियत देखी जा सकती है. पीएम मोदी के दाहिने हाथ माने जाने वाले डोभाल के नाम जासूसी के कई किस्से हैं. आज अजीत डोभाल का जन्मदिन है.

पंजाब से लेकर पूर्वोत्तर, कंधार से लेकर कश्मीर तक आतंकवाद के विरूद्ध उनका रिकॉर्ड अच्छा है। डोभाल के नॉर्थ ईस्ट में प्रचार के दौरान उनकी पत्नी उनसे खफा थीं। अजीत ने खुद एक इंटरव्यू के दौरान अपने रोमांचक करियर के बारे में बताया।

जब NSA डोभाल अंडरकवर एजेंट के तौर पर 6 साल पाकिस्तान में थे, तब वे मुश्किल में थे। डोभाल लाहौर के स्थानीय बाजार में एक दरगाह पर कव्वाली सुनने गए थे। वह एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम युवक के भेष में थे। तभी एक खुफिया विभाग का एक अफसर उनके पास आया। वहां कान में फुसफुसाकर कहा कि आपकी दाढ़ी लटक रही है, ठीक लिजिए। अगर वहां किसी को भी भनक लगती तो डोभाल के खेल की धज्जियां उड़ जातीं. मगर, वह बस इतना ही कहने आया था। डोभाल ने बिना किसी डर के फौरन वहां से निकल गिए। 

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