img

राज्यसभा में 'GAY' एयरपोर्ट को लेकर बवाल, जानें क्या है असली कहानी

भारत की संसद में एक बार फिर एक अनोखे मुद्दे को लेकर बहस छिड़ गई। इस बार चर्चा का केंद्र बना है बिहार के गया एयरपोर्ट का एयरपोर्ट कोड – 'GAY'। राज्यसभा में इस कोड को लेकर सवाल उठे और विपक्ष ने मांग की कि इसे बदल दिया जाए क्योंकि यह शब्द 'समलैंगिक' (Gay) के तौर पर इस्तेमाल होता है और इससे शहर और एयरपोर्ट की छवि को ठेस पहुंचती है।

विपक्ष के एक सदस्य ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि 'GAY' शब्द को लेकर मज़ाक उड़ाया जाता है और इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी कई बार गया और बिहार के लोगों का अपमान हुआ है। उनका कहना था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस कोड से गलत संदेश जाता है और सरकार को इसे बदलने के लिए कदम उठाने चाहिए।

हालांकि सरकार की ओर से जवाब देते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि 'GAY' अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त IATA कोड है, और इसे बिना मजबूत कारण के बदला नहीं जा सकता। IATA (International Air Transport Association) द्वारा दिए गए कोड को बदलना लंबी प्रक्रिया है और इसके पीछे तकनीकी और वैश्विक मानक जुड़े होते हैं।

सरकार ने यह भी कहा कि कोड केवल पहचान के लिए होता है, इसका किसी समुदाय विशेष से कोई संबंध नहीं होता। इसलिए इसे लेकर अनावश्यक विवाद नहीं किया जाना चाहिए।

क्या है 'GAY' कोड की हकीकत?

गया एयरपोर्ट का कोड ‘GAY’ केवल शहर के नाम गया (Gaya) से लिया गया है। यह कोड वर्षों से उपयोग में है और इसका उद्देश्य एयरपोर्ट की आसान अंतरराष्ट्रीय पहचान है।

अब देखना होगा कि इस मुद्दे पर आगे कोई कार्रवाई होती है या नहीं, लेकिन संसद में इस तरह के मुद्दों पर बहस होना जरूर चर्चा का विषय बन गया है।

--Advertisement--