
Up Kiran, Digital Desk: भारत के एक्शन का डर अब आतंकियों के सरगनाओं पर साफ दिखने लगा है. पिछले कुछ समय में विदेश में बैठे कई बड़े-बड़े आतंकियों के मारे जाने के बाद, पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठनों में खलबली मच गई है. सूत्रों के मुताबिक, भारत के इस अघोषित 'ऑपरेशन सिंदूर' के खौफ से जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और हिज्बुल मुजाहिदीन (HM) जैसे बड़े आतंकी संगठनों ने अपने ठिकाने बदल लिए हैं.
PoK छोड़कर भाग रहे आतंकी
अब तक ये आतंकी संगठन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और पंजाब प्रांत से अपनी गतिविधियां चलाते थे. ये इलाके भारतीय सीमा के करीब हैं. लेकिन अब अपने कमांडरों की एक के बाद एक हो रही "अज्ञात" हत्याओं से डरकर, इन संगठनों ने अपने बेस और लॉन्चपैड को पाकिस्तान के अंदरूनी और कहीं ज़्यादा सुरक्षित माने जाने वाले खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शिफ्ट कर लिया है.
क्यों भाग रहे हैं आतंकी?सूत्रों का कहना है कि यह फैसला भारत के उस आक्रामक रवैये के बाद लिया गया है, जिसमें भारत ने साफ कर दिया है कि वह आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा और आतंकियों को उनकी मांद में घुसकर मारेगा.
'ऑपरेशन सिंदूर' का डर: भारत ने आतंकियों के सफाए के लिए जो अघोषित अभियान चलाया है, उसने आतंकी संगठनों की कमर तोड़ दी है. एक के बाद एक कमांडर मारे जाने से उनमें मौत का खौफ बैठ गया है.
ISI का निर्देश: पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने ही इन संगठनों को अपने ठिकाने बदलने का निर्देश दिया है. ISI को डर है कि अगर ये आतंकी भारत की पहुंच में रहे, तो इनका सफाया हो जाएगा.
सुरक्षित ठिकाने की तलाश: खैबर पख्तूनख्वा का इलाका पहाड़ी और दुर्गम है और यहां पाकिस्तानी तालिबान (TTP) जैसे संगठनों का दबदबा है. जैश और हिज्बुल को लगता है कि यह इलाका उनके लिए PoK से ज़्यादा महफूज है.
खुफिया एजेंसियों की मानें तो जैश प्रमुख मसूद अजहर के भाई रऊफ असगर, हिज्बुल के सरगना सैयद सलाहुद्दीन और दाऊद इब्राहिम जैसे खूंखार आतंकी भी ISI की कड़ी सुरक्षा में अंडरग्राउंड हो गए हैं.
भारत के इस कड़े रुख ने यह साफ कर दिया है कि अब आतंकियों के लिए कहीं भी छिपना आसान नहीं होगा, चाहे वो PoK हो या खैबर पख्तूनख्वा.