
Up Kiran, Digital Desk: प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाने वाली कजरी तीज, सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखती है। 2025 में यह पावन पर्व 12 अगस्त, मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करते हुए निर्जला व्रत रखती हैं। व्रत के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है, अन्यथा व्रत का फल प्राप्त नहीं होता।
कजरी तीज पर क्या न करें:
सफेद या काले वस्त्रों का त्याग: कजरी तीज पर सुहागिनों को भूलकर भी सफेद या काले रंग के वस्त्र, चूड़ियाँ या अन्य श्रृंगार सामग्री का प्रयोग नहीं करना चाहिए। हरे, लाल या पीले जैसे शुभ रंग के वस्त्र पहनना फलदायी माना जाता है।
पति से कलह: इस पवित्र दिन पर पति के साथ किसी भी प्रकार का वाद-विवाद, झगड़ा या कड़वे वचन नहीं बोलने चाहिए। इससे वैवाहिक जीवन में नकारात्मकता आती है और व्रत का पुण्य कम हो जाता है।
निंदा और चुगली से बचें: व्रत के दौरान किसी भी प्रकार की निंदा, चुगली या दूसरों की बुराई करने से बचना चाहिए। वाणी पर संयम रखें और सकारात्मक विचार रखें।
दिन में सोना: कजरी तीज का व्रत रखने वाली महिलाओं को दिन के समय सोना नहीं चाहिए। इसके बजाय, उन्हें भजन-कीर्तन करना चाहिए या प्रभु स्मरण में समय बिताना चाहिए।
झाड़ू लगाना: ऐसी मान्यता है कि कजरी तीज के दिन घर में झाड़ू लगाने से धन की देवी लक्ष्मी अप्रसन्न हो जाती हैं और घर में आर्थिक तंगी आ सकती है।
चंद्रमा को अर्घ्य दिए बिना व्रत खोलना: कजरी तीज का व्रत चंद्रमा को जल अर्पित करने के बाद ही खोला जाता है। सूर्योदय से चंद्रोदय तक का समय व्रत का होता है। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण करना चाहिए।
अशुद्ध या तामसिक भोजन: व्रत का पारण सात्विक भोजन से ही करना चाहिए। सत्तू के पकवान, विशेष रूप से चने के दाल के सत्तू से बने पकवान इस दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
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