tibet earthquake 2025: मंगलवार की सुबह तिब्बत-नेपाल सीमा के पास 7.1 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद कम से कम 53 लोगों की जान चली गई और कई इमारतें ढह गईं। फिलहाल राहत और बचाव कार्य जारी है। भूकंप सबसे ज्यादा तिब्बती पठार या उसके किनारों पर आते हैं। तो आईये जानते हैं ऐसा क्यों होता है।
तिब्बती पठार भारतीय और एशियाई टेक्टोनिक प्लेट्स के बीच मौजूद है। भारतीय प्लेट प्रति वर्ष करीबन 5 से 6 सेंटीमीटर उत्तर की ओर बढ़ रही है, और एशियाई प्लेट से टकराकर तिब्बती पठार को ऊपर उठा रही है। इस टक्कर के कारण ये क्षेत्र लगातार तनाव और दबाव में रहता है, जो भूकंपीय गतिविधियों का सबब बनता है।
आपको बता दें कि तिब्बती पठार के करीब में भूकंपीय जोन हैं, जहां प्लेट्स में हलचलें और टकराव होते हैं। इन क्षेत्रों में छोटे-छोटे भूकंप पहले होते हैं, जो बड़े भूकंपों का कारण बनते हैं।
भारत में भी सवेरे के समय कई राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए।
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