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Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध श्रीवारी मंदिर (तिरुपति) में विशेष अनुष्ठान 'कोइल अलवर तिरुमनजनम' (Koil Alwar Tirumanjanam) उत्साह और भक्ति के साथ संपन्न हुआ। यह एक महत्वपूर्ण पारंपरिक शुद्धि समारोह है जो मंदिर परिसर को पवित्र करने और आगामी उत्सवों के लिए तैयार करने के लिए किया जाता है।

कोइल अलवर तिरुमनजनम का शाब्दिक अर्थ है 'मंदिर के भीतरी गर्भगृह की सफाई'। यह अनुष्ठान साल में चार बार, प्रमुख त्योहारों जैसे उगादी, अनंतपद्मनाभ चतुर्दशी, ब्रह्मोत्सवम और वैकुंठ एकादशी से पहले आयोजित किया जाता है। यह श्रीवारी मंदिर में भगवान श्री वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन से पहले मंदिर की पवित्रता और शुद्धता बनाए रखने का एक अभिन्न अंग है।

अनुष्ठान की प्रक्रिया: इस विशेष अनुष्ठान के दौरान, मंदिर के गर्भगृह (sanctum sanctorum) और उससे सटे सभी छोटे मंदिरों, दीवारों, छत और अन्य स्थानों की गहराई से सफाई की जाती है।

पुजारी और मंदिर के अधिकारी पारंपरिक रूप से विभिन्न सुगंधित पदार्थों, जड़ी-बूटियों, चंदन, हल्दी और अन्य पवित्र सामग्रियों से बने एक विशेष मिश्रण (जिसे 'पवित्रम' कहा जाता है) का उपयोग करके पूरे मंदिर परिसर को शुद्ध करते हैं।

अनुष्ठान के दौरान, भक्तों के लिए दर्शन निलंबित कर दिए जाते हैं, ताकि सफाई और पवित्रीकरण की प्रक्रिया बिना किसी बाधा के पूरी हो सके।

सफाई के बाद, भगवान को विशेष पूजा और नैवेद्य (भोग) अर्पित किया जाता है, और फिर दर्शन के लिए मंदिर को फिर से खोल दिया जाता है।

यह अनुष्ठान न केवल मंदिर की भौतिक सफाई है, बल्कि आध्यात्मिक शुद्धि का भी प्रतीक है। यह विश्वास किया जाता है कि यह मंदिर को किसी भी नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त करता है और उसे भगवान के दिव्य आशीर्वाद के लिए तैयार करता है।

कोइल अलवर तिरुमनजनम तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) द्वारा आयोजित किए जाने वाले कई प्राचीन और पवित्र अनुष्ठानों में से एक है, जो सदियों पुरानी परंपराओं को बनाए रखने और भक्तों को एक शुद्ध और दिव्य वातावरण में दर्शन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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