आज हम बात करेंगे रावण की अच्छाइयों के बारे में जो रावण के बारे में शायद आपकी सोच बदल दें। रावण एक ऐसा नाम जो शायद पूरी दुनिया में एक ही है। आपको राम नाम के लोग तो बहुत मिल जाएंगे पर रावण नाम के लोग आपको कहीं भी सुनने को नहीं मिलेंगे। आपको बता दें कि लंका के स्वामी रावण के 10 सिर थे इसलिए उसको दशानन भी कहा जाता है। रावण बहुत ज्ञानी और विद्वान भी था। जैन पुराणों की माने तो रावण एक महान पंडित था जिसे सभी विषयों पर महारत हासिल थी। इस वजह से हिन्दू धर्म के ग्रंथों में रावण के बारे में अच्छी बातों के बारे में भी बताया गया है।
यह तो हम सभी जानते हैं कि रावण ने धोखे से सीता का अपहरण कर लिया था। यह जानते हुए भी कि वह एक पराई नारी है। पर शायद आप यह नहीं जानते होंगे कि एक दानव होने के बाद भी उसमें कुछ अच्छाइयां भी थी, जिसके कारण बहुत सी जगहों पर आज भी रावण को पूजा जाता है। आज हम आपको रावण की उन्हीं अच्छाइयों से रूबरू करवाने जा रहे हैं।
पहली अच्छाई
परिजनों की रक्षा और सम्मान के लिए रावण कुछ भी करने का दम रखता था। ये तो आप अच्छे सा जनते ही होंगे।
दूसरी अच्छाई
लंकापति एक अच्छा शासक था। रावण ने राक्षस समाज को एकत्रित कर उनके कल्याण के लिए कई कार्य किए। रावण के राज में जनता सुखी और समृद्ध थी। सभी नियमों से चलते थे और किसी में भी किसी भी प्रकार का जुर्म करने की हिम्मत नहीं होती थी।
तीसरी अच्छाई
रावण के देश में सुषेण नामक मशहूर वैद्य था। जब लक्ष्मण समेत कई वानर मूर्छित हो गए तब जामवंतजी ने राय दी की अब इन्हें सुषेण ही बचा सकते हैं। रावण की आज्ञा के बगैर उसके राज्य का कोई भी शख्स कोई कार्य नहीं कर सकता। माना जाता है कि रावण की मौन स्वीकृति के बाद ही सुषेण ने लक्ष्मण को देखा था और बजरंगबली से संजीवनी बूटी लाने के लिए कहा था।
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