
पाकिस्तान में एक बार फिर आतंकवाद ने अपना खौफ दिखाया है। बलूचिस्तान प्रांत के मस्तुंग जिले में एक सैन्य काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ, जिसमें 13 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई और 24 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हमला उस वक्त हुआ जब सेना का काफिला नियमित गश्त पर था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, एक आत्मघाती हमलावर ने बारूद से भरी गाड़ी को सैन्य वाहनों के बीच घुसा दिया और जोरदार धमाका कर दिया। धमाके की आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई। घटना के तुरंत बाद सेना और स्थानीय पुलिस ने इलाके को घेर लिया और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस हमले के पीछे बलूच विद्रोहियों या तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का हाथ हो सकता है। बलूचिस्तान लंबे समय से आतंकी हिंसा और अलगाववादी गतिविधियों का केंद्र बना हुआ है।
हमले के बाद पाकिस्तान की सेना ने इसे कायराना हरकत बताया है और कहा है कि शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। सेना ने हमलावरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला पाकिस्तान में बढ़ती आंतरिक अस्थिरता और सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरी को दिखाता है। देश में सेना पर हमले लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे आम लोगों और सुरक्षा बलों में चिंता गहराती जा रही है।
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