
Up Kiran, Digital Desk: पश्चिम बंगाल में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की नई लिस्ट को लेकर चल रहे विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें बंगाल सरकार द्वारा जारी की गई नई ओबीसी सूची पर अंतरिम रोक लगाई गई थी। यह सुप्रीम कोर्ट का एक बड़ा कदम है, जो बंगाल सरकार के लिए तात्कालिक राहत लेकर आया है।
क्या था मामला? पश्चिम बंगाल सरकार ने हाल ही में ओबीसी की एक नई सूची जारी की थी, जिसमें कुछ समुदायों को ओबीसी श्रेणी में शामिल किया गया था। इस सूची को लेकर विवाद पैदा हो गया था, और कुछ पक्षों ने इसे कलकत्ता हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने इस नई सूची पर अंतरिम रोक लगा दी थी, जिससे राज्य में सरकारी नियुक्तियों और अन्य लाभों को लेकर अनिश्चितता पैदा हो गई थी।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला: कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के उस आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है। इसका मतलब यह है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट इस मामले की पूरी सुनवाई नहीं कर लेता और अंतिम फैसला नहीं सुनाता, तब तक नई ओबीसी सूची को लेकर हाई कोर्ट की रोक प्रभावी नहीं रहेगी।
इस फैसले का क्या मतलब है?
बंगाल सरकार को राहत: इस फैसले से पश्चिम बंगाल सरकार को तुरंत राहत मिली है, क्योंकि अब वे नई ओबीसी सूची के आधार पर आगे बढ़ सकते हैं, हालांकि यह एक अंतरिम व्यवस्था है।
कानूनी प्रक्रिया जारी: यह मामला अभी खत्म नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की विस्तार से सुनवाई करेगा और अंतिम निर्णय देगा कि क्या यह नई ओबीसी सूची संवैधानिक और कानूनी रूप से सही है या नहीं।
राजनीतिक महत्व: यह मुद्दा पश्चिम बंगाल में राजनीतिक रूप से भी बहुत संवेदनशील है, खासकर आरक्षण और सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दों को लेकर।
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